भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान पिछले कुछ महीनों से संकट के दौर से गुजर रहा है। राजनीतिक उठापटक के कारण देश को आर्थिक मोर्चे पर भी संघर्ष करना पड़ रहा है। अब प्राकृतिक आपदा से भी देश को जूझना पड़ रहा है। पाकिस्तान के कई हिस्से भीषण सैलाब (बाढ़) का दंश झेल रहे हैं।
महंगाई के कारण आम आदमी का जीना मुहाल
इन विपरीत परिस्थितियों के बीच महंगाई ने भी पाकिस्तान के आम आदमी का जीना मुहाल कर रखा है। खाने-पीने के सामान लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं। लोग सब्जियां तक नहीं खरीद पा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन दिनों पाकिस्तान की मंडियों में टमाटर 500 रुपये किलो तो प्याज 400 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है।
सब्जियों की आवक कम, आयात करने पर हो रहा विचार
लाहौर के सब्जी मार्केट के डीलर बतातें हैं कि घरेलू बाजार में टमाटर और प्याज की बढ़ती कीमतों के कारण अब इन सब्जियों का आयात करने का मन बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि सैलाब के कारण कई इलाकों में सब्जियों और फसलों को भारी नुकसान हुआ है। लोगों के सामने खाद्य संकट पैदा हो गया है। लाहौर समेत पाकिस्तानी पंजा के कई हिस्सों में सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं।
बाढ़ के कारण नहीं हो पा रही सब्जियों की आपूर्ति
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते रविवार को पाकिस्तान में टमाटर 500 रुपये किलो जबकि प्याज 400 रुपये किलो बिका। बाढ़ के कारण बलूचिस्तान, सिंध और दक्षिण पंजाब से सब्जियों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। सब्जियों की किल्लत को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में टमाटर और प्याज के भाव 700 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकते हैं। आलू भी 40 रुपये प्रति किलो से 120 रुपये प्रति किलो तक बिक सकता है।
हजारों एकड़ में लगी फसल हुई बर्बाद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बलूचिस्तान और सिंध इलाके में सैलाब के कारण टमाटर, प्याज और अन्य सब्जियों की हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब पाकिस्तान सरकार भारत से वाघा बॉर्डर के रास्ते टमाटर और प्याज का आयात करने पर विचार कर रही है। फिलहाल लाहौर समेत पाकिस्तानी पंजाब के अन्य शहरों को तोरखम बॉर्डर के जरिए अफगानिस्तान से टमाटर और प्याज की सप्लाई की जा रही है।
फलों के भाव भी तेजी से बढ़े
पाकिस्तान की बाजार के जानकारों के मुताबिक बलूचिस्तान के ताफ्तान बॉर्डर के जरिए ईरान से भी टमाटर और प्याज मंगाने का विकल्प है, लेकिन ईरान सरकार ने आयात-निर्यात पर टैक्स काफी बढ़ा दिया है। अगर महंंगे दर पर आयात किया गया तो स्थानीय ग्राहकों को इससे कोई फायदा नहीं होगा। भविष्य में खजूर और केला की कीमतों में भी तेजी दिख सकती है। बलूचिस्तान और दूसरे इलाकों से सेब की आपूर्ति नहीं हो रही है।
अनाज पर भी मंडरा रहा संकट
पाकिस्तान में बाढ़ के कारण कपास की फसल के बर्बाद होने से 2.6 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। चीनी और कपड़ों के निर्यात को भी एक बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। बारिश और सैलाब के कारण सिंध प्रांत के सरकारी गोदामों में रखा करीब 20 लाख टन गेहूं बर्बाद हो गया है। ताजा हालात को देखते हुए इस बात की आशंका बढ़ गई है कि आने वाले समय में पड़ोसी देश पाकिस्तान खाद्यान्न संकट से भी जूझ सकता है।