लखनऊ, 29 अप्रैल 2025, मंगलवार: उत्तर प्रदेश, जिसे कभी चुनौतियों का पर्याय माना जाता था, आज योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘उत्तम प्रदेश’ के रूप में न केवल भारत बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहा है। पिछले आठ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म’ नीति को धरातल पर उतारते हुए उत्तर प्रदेश ने नवाचार, डिजिटल क्रांति, और भविष्योन्मुखी तकनीकों के दम पर प्रगति की नई इबारत लिखी है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मंच पर भारत के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में यूपी की यह उपलब्धि गर्व के साथ प्रस्तुत की गई, जहां ‘ब्रांड यूपी’ ने 27 से अधिक देशों के बीच वैश्विक चर्चा का केंद्र बनकर इतिहास रचा।
वैश्विक मंच पर यूपी का डंका
यूएन में आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश को भारत के डिजिटल और समावेशी विकास का प्रतीक बताते हुए ‘ग्लोबल साउथ का भागीदार’ घोषित किया गया। यूपी के आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की विशेष सचिव नेहा जैन ने योगी सरकार की नीतियों और उपलब्धियों का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि कैसे यूपी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, और नवाचारी तकनीकों के जरिए गवर्नेंस में पारदर्शिता और समावेशिता को बढ़ावा दिया। यूपी को ‘मोस्ट फेवर्ड डेस्टिनेशन’ के रूप में पेश करते हुए नेहा जैन ने अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, और छोटे द्वीपीय देशों को यूपी के साथ मिलकर काम करने का न्योता दिया।
पांच क्षेत्रों में यूपी की मिसाल
कार्यक्रम में यूपी की पांच प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया:
- वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी): स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को वैश्विक मंच प्रदान करने वाली यह योजना यूपी की आर्थिक क्रांति का आधार बनी।
- डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर: यूपी ने डिजिटल सेवाओं के जरिए जन-जन तक सुशासन पहुंचाया।
- इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम: यूपी देश के 60% मोबाइल कॉम्पोनेंट्स का निर्माता बन चुका है।
- इनोवेशन और रिसर्च में साझेदारी: 350 से अधिक आईटी और आईटीईएस कंपनियां यूपी में कार्यरत हैं, जो इसे तकनीकी हब बनाती हैं।
- लॉजिस्टिक्स और निवेश का गढ़: सबसे ज्यादा एयरपोर्ट्स, हाइवे, और निर्माणाधीन एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के साथ यूपी निवेशकों का पसंदीदा ठिकाना है।
इन क्षेत्रों में यूपी का मॉडल न केवल भारत के लिए, बल्कि ग्लोबल साउथ के देशों के लिए भी प्रेरणा बन रहा है। वर्ष 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर यूपी की यह कहानी वैश्विक मंच पर गूंज रही है।
27 देशों के साथ यूपी की साझेदारी की राह
कार्यक्रम में केन्या, वियतनाम, रवांडा, ब्राजील, इंडोनेशिया, श्रीलंका जैसे 27 से अधिक देशों ने हिस्सा लिया। यूपी ने इन देशों को एआई और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग के लिए आमंत्रित किया, ताकि गवर्नेंस, शिक्षा, और जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मिलकर काम किया जा सके। यूएन में भारत के स्थायी मिशन के अधिकारियों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, डेलॉयट, और अन्य वैश्विक संस्थानों के विशेषज्ञों ने भी यूपी की इस यात्रा की सराहना की।
‘ब्रांड यूपी’ का उज्ज्वल भविष्य
योगी राज में उत्तर प्रदेश ने न केवल अपनी छवि बदली, बल्कि इसे वैश्विक निवेश, तकनीक, और नवाचार का केंद्र बनाया। यह ‘ब्रांड यूपी’ की वह कहानी है, जो आज विश्व को प्रेरित कर रही है। डिजिटल क्रांति और समावेशी विकास के इस मॉडल के साथ यूपी न सिर्फ भारत का, बल्कि ग्लोबल साउथ का भी गौरव बन चुका है।