जयपुर 29 अप्रैल 2025, मंगलवार: क्रिकेट के मैदान पर एक नया सूरज उगा है, और उसका नाम है वैभव सूर्यवंशी! मात्र 14 साल की उम्र में गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंदों में शतक जड़कर वैभव ने न सिर्फ IPL इतिहास में सबसे कम उम्र में शतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया, बल्कि पुरुष टी20 क्रिकेट में भी सबसे युवा शतकवीर बनकर दुनिया को चौंका दिया। उनकी इस विस्फोटक पारी ने राजस्थान रॉयल्स को 210 रनों के विशाल लक्ष्य को 25 गेंद शेष रहते आसानी से हासिल करने में मदद की।
35 गेंदों में तूफान, 11 छक्कों की गूंज
वैभव की बल्लेबाजी किसी सपने से कम नहीं थी। 35 गेंदों में 101 रनों की उनकी पारी में 11 छक्के और 7 चौके शामिल थे। यह IPL का दूसरा सबसे तेज शतक है, जो क्रिस गेल के 30 गेंदों में बनाए गए रिकॉर्ड से बस थोड़ा पीछे है। वैभव की इस पारी ने स्टेडियम को झूमने पर मजबूर कर दिया, और सोशल मीडिया पर उनके नाम की गूंज सुनाई दी। 37 गेंदों में 101 रन बनाकर आउट होने से पहले उन्होंने दिखा दिया कि उम्र महज एक नंबर है।
“तीन-चार महीने की मेहनत रंग लाई”
मैच के बाद वैभव ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है। यह मेरी तीसरी IPL पारी में मेरा पहला शतक है। मैं पिछले तीन-चार महीने से इसके लिए मेहनत कर रहा था, और आज उसका फल मिला।” उनकी सादगी और आत्मविश्वास उनकी बातों में झलक रहा था। उन्होंने बताया कि वह मैदान की परिस्थितियों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, बल्कि गेंद पर फोकस रखते हैं।
यशस्वी के साथ साझेदारी का जादू
वैभव ने यशस्वी जायसवाल के साथ शतकीय साझेदारी की, जिसने राजस्थान की जीत की नींव रखी। यशस्वी के साथ बल्लेबाजी के अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा, “उनके साथ बल्लेबाजी करने से आत्मविश्वास आता है। वह बहुत सकारात्मक रहते हैं और मुझे सलाह देते हैं, जिससे बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है।” इस साझेदारी ने न सिर्फ स्कोरबोर्ड को गति दी, बल्कि वैभव को मैदान पर सहजता भी प्रदान की।
“शतक सपने जैसा, डर को जगह नहीं”
IPL जैसे बड़े मंच पर शतक लगाना किसी भी क्रिकेटर के लिए सपना होता है, और वैभव ने इसे हकीकत में बदल दिया। उन्होंने कहा, “IPL में शतक लगाना सपने जैसा है।” यह पूछे जाने पर कि क्या अब गेंदबाज उन्हें निशाना बनाएंगे, वैभव ने बेफिक्र अंदाज में जवाब दिया, “कोई डर नहीं। मैं इस बारे में नहीं सोचता, बस खेलने पर फोकस रखता हूं।”
एक नई शुरुआत
वैभव सूर्यवंशी की यह पारी न सिर्फ उनकी प्रतिभा का परिचय है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य का भी संकेत है। 14 साल की उम्र में इतिहास रचने वाला यह युवा सितारा निश्चित रूप से आने वाले समय में और भी बड़े कारनामे करेगा। वैभव की इस उपलब्धि ने साबित कर दिया कि मेहनत, फोकस और जुनून के सामने कोई चुनौती बड़ी नहीं होती।