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Monday, May 20, 2024

भारत के चुनावों में वॉशिंगटन का दखल नहीं, अमेरिका ने रूस के आरोपों को किया खारिज

अमेरिका ने गुरुवार का भारत के चुनावों में वॉशिंगटन के दखल के रूस के आरोपों को खारिज किया और कहा कि वह दुनिया में कहीं भी चुनाव में शामिल नहीं होता है। विदेश विभाग ने कहा कि चुनाव भारत के लोगों को करने हैं। 

अमेरिकी विदेश विभाग ने क्या कहा
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्य मिलर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, हम भारत के चुनावों में खुद को शामिल नहीं करते हैं, क्योंकि हम दुनिया में कहीं भी चुनावों में खुद को शामिल नहीं करते हैं। ये फैसले भारत के लोगों को करने हैं। 

दरअसल, रूस ने लोकसभा चुनावों के बीच बड़ा दावा करते हुए कहा था कि अमेरिका भारत के चुनावों में दखल देने की कोशिश कर रहा है और उसका मकसद आम चुनाव के दौरान देश को अस्थिर करना है। 

भारत की राजनीति और इतिहास को नहीं समझता अमेरिका’
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा था कि अमेरिका भारत के रानजीतिक परिदृश्य को बाधित करने का प्रयास कर रहा है। वह भारत की राजनीतिक समझ और इतिहास को नहीं समझता। जखारोवा ने यह बयान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिका की रिपोर्ट के संदर्भ में दिया था। 

अमेरिका का मकसद आम चुनावों में रुकावटें पैदा करना’
उन्होंने कहा था कि अमेरिका लगातार भारत की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर निराधार आरोप लगाता रहा है। इसका मकसद भारत के अंदरूनी राजनीतिक परिदृश्य को बाधित करना और आम चुनावों में रुकावटें पैदा करना है। जखारोवा ने कहा कि अमेरिका की गतिविधियां स्पष्ट रूप से भारत के आंतरिक मामलों में दखल को दिखाती हैं।

‘गुरपतवंत पन्नूं की हत्या के साजिश के नहीं दिए विश्वसनीय सबूत’
जखारोवा ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नूं की हत्या की साजिश के भारत पर आरोप को लेकर कहा था कि अमेरिका ने इस मामले में अभी तक भारतीय नागरिकों की संलिप्तता के कोई विश्वसनीय सबूत पेश नहीं किए हैं। सबूतों के बिना इस तरह की अटकलें स्वीकार नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा, अमेरिका भारत के खिलाफ लगातार झूठे आरोप लगा रहा है। उसे भारत की समझ नहीं है। इस वजह से वह लगातार धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में भारत पर निराधार आरोप लगाता रहा है। 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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