हरियाणा में चल रही बेमौसम बारिश किसानों के लिए आफत बन गई है। खेतों से लेकर मंडियों तक फसलों को नुकसान हो रहा है। पिछले चार दिन से लगातार बारिश से धान की कटाई बाधित हो गई है, जबकि मंडियों में पड़ी 10 लाख मीट्रिक टन फसल भीग गई है। इससे खरीद प्रक्रिया भी बाधित हो गई है। धान में नमी अधिक होने के चलते किसानों को पूरा रेट नहीं मिल रहा।
अभी तक प्रदेशभर की मंडियों में 26 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इसमें से 16.92 लाख मीट्रिक टन धान का उठान हो चुका है, शेष 10 लाख मीट्रिक टन धान मंडियों में पड़ा है। इस साल 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। उठान धीमा होने से मंडियां धान से अटी हुई हैं।
पिछले चार दिन से हो रही बारिश का सबसे ज्यादा असर धान और कपास की फसलों पर पड़ रहा है। खेतों में खड़ी बासमती धान की फसल जमीन पर गिर गई है, जबकि पीआर की कटाई प्रभावित हुई है। बारिश व हवा से कपास के फूल नीचे गिरने से उसका उत्पादन भी कम होगा।
दूसरी ओर, तिरपाल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के चलते मंडियों में फसलें भीग रही हैं। हालांकि, लाइसेंस लेते समय आढ़ती की जिम्मेदारी होती है कि वह तिरपाल की व्यवस्था करे लेकिन मंडियों के अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसानों की फसलें खराब हो रही हैं।
जिले में अब तक 61 हजार 739 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इसके साथ ही मंडियों से 30 हजार 216 मीट्रिक टन धान का उठान किया जा चुका है। भिवानी में लगातार तीन दिन हुई बारिश से किसानों की खेतों में खड़ी फसलों में कृषि विशेषज्ञों ने करीब 30 फीसदी नुकसान दर्शाया है। कृषि उपनिदेशक डॉ आत्माराम गोदारा का कहना है कि बाजरा व मूंग की फसल में करीब 30 फीसदी नुकसान का आकलन हुआ है। चरखी दादरी में रोहतक मंडल के आयुक्त जगदीप सिंह ने पहले दादरी और फिर बाढड़ा मंडी का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों की बैठक ली जिसमें बारिश के दौरान मंडियों में पुख्ता प्रबंध करने का निर्देश दिया।
यकीनन बारिश से फसलों में नुकसान है। इससे फसल उत्पादन पर असर पड़ेगा। धान और कपास को अधिक नुकसान है। अभी विभाग के पास जिलों से खराब फसल का आंकड़ा नहीं आया है। इसके बाद ही पूरे नुकसान की जानकारी मिल पाएगी।