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Saturday, May 18, 2024

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा- बातचीत से ही मणिपुर में शांति संभव

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि हिंसा से ग्रस्त मणिपुर में बातचीत के जरिए ही शांति आ सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की कोशिश है कि राज्य में जल्द से जल्द शांति बहाल हो सके। रिजिजू ने राज्य में हिंसा के लिए हाईकोर्ट के उस आदेश को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें हाईकोर्ट ने मैतई को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आदेश दिया था। 

‘बातचीत से ही शांति संभव’
रिजिजू ने कहा कि ‘अगर कोई मणिपुर में शांति बहाल करना चाहता है तो उसे पहले मैतई और कुकी समुदायों से हथियार छोड़ने की अपील करनी चाहिए। हथियारबंद संघर्ष से कोई हल नहीं निकलेगा। सिर्फ बातचीत के जरिए ही राज्य में शांति आ सकती है। हमारी सरकार अगले चरण में इसी पर फोकस कर रही है।’ केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री ने कहा कि ‘सरकार राज्य में शांति बहाल करने की पूरी कोशिश कर रही है। पीएम मोदी भी लाल किले से भी और संसद में भी राज्य में शांति की अपील कर चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस साल प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण की शुरुआत भी मणिपुर में शांति की अपील से की थी और कहा था कि पूरा देश मणिपुर के साथ है, इसके बाद भी विपक्ष इस मुद्दे को भड़काने की कोशिश कर रहा है।’

हाईकोर्ट के आदेश को बताया हिंसा भड़कने की वजह
रिजिजू ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चार दिनों तक और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय 22 दिनों तक मणिपुर में रहे और कई अन्य अधिकारी भी मणिपुर में शांति लाने के प्रयास कर रहे हैं। रिजिू ने कहा कि हिंसा तब भड़की, जब हाईकोर्ट ने मैतई को एसटी वर्ग में शामिल करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि ‘आपको नहीं लगता कि हाईकोर्ट ने बेहद अलग किस्म का आदेश दिया था? किसी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का काम सरकार का है और यह नीति संबंधी काम है। जब हाईकोर्ट यह निर्देश देता है कि तीन महीने में किसी को जनजाति का दर्ज दिया जाना चाहिए  तो दूसरी तरफ से इस पर प्रतिक्रिया होगी। इसी लिए हिंसा भड़की और अगर कोई ये कहता है कि केंद्र सरकार की वजह से मणिपुर में हिंसा हुई तो वह या तो बेवकूफ है या फिर बेहद दुर्भाग्यशाली है जो ऐसे बयान दे रहा है।’

मोदी सरकार की तारीफ की
रिजिजू ने कहा कि ‘मोदी जी ने उत्तर पूर्व के लिए जो बीते 10 वर्षों में किया है, वह कांग्रेस द्वारा 60 वर्षों में किए गए कामों की तुलना में 100 गुना ज्यादा है। इसके बावजूद कांग्रेस, वामपंथी मणिपुर का मुद्दा उठा रहे हैं, जबकि उन्होंने पूरी एक पीढ़ी को बर्बाद कर दिया।’ गौरतलब है कि बीती 21 फरवरी को हाईकोर्ट ने अपने आदेश में बदलाव किया है और अपने पुराने आदेश से उस पैराग्राफ को हटा दिया है, जिसमें राज्य सरकार को तीन महीने में मैतई को जनजाति वर्ग में शामिल करने का आदेश दिया गया था।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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