विपक्षी एकता की बैठक से पहले बेंगलुरु में राहुल गांधी की पोस्टर के ठीक बगल में बिहार के मुख्ममत्री नीतीश कुमार की पोस्टर पर सियासत गरमा गई है। जदयू के विशेष सलाहकार और मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने इसकी तीखी आलोचना की है। उन्होंन साफ कहा कि यह पोस्टर मोदी जी लोगों ने पोस्टर लगवाया है। अगुवानी-गंगा पुल तो दो माह पहले ही गिरा था। इससे पहले भी मध्य प्रदेश समेत कई जगह कितने पुल गिरे, वो भी भाजपा शासित राज्य में इसका तो किसी ने कोई जिक्र ही नहीं है।
त्यागी बोले- वन अगेंस्ट वन 450 सीटों पर लिस्ट तैयार
केसी त्यागी ने स्पष्ट कहा कि भाजपा के किसी कार्यकर्ता ने ही इस तरह का पोस्टर लगाया है। देश में पूरा विपक्ष एकजुट हो गया। विपक्षी एकता की बात को दबाने के लिए भाजपा ऐसा कर रही है। हमलोगों ने 450 सीटों पर लिस्ट तैयार कर ली है, वो भी वन अगेंस्ट वन। जब पूरा विपक्ष मिलकर राजीव गांधी और इंदिरा गांधी को सत्ता से हटा सकती है तो नरेंद्र मोदी मोदी को सत्ता से हटाना कौन सी बड़ी बात है।
पोस्टर में सीए नीतीश को ‘अस्थिर पीएम प्रत्याशी’ करार दिया गया
भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के खिलाफ अलग-अलग मोर्चे पर खड़े देशभर के विपक्षी दलों को जुटाने वाले अगुवा नीतीश कुमार के खिलाफ कांग्रेस शासित कर्नाटक में लगा पोस्टर चर्चा में आ गया है। इसमें सीएम नीतीश कुमार को ‘अस्थिर पीएम प्रत्याशी’ करार दिया गया है और इसके साथ ही बिहार के एक पुल को मिसाल के तौर पर इस्तेमाल किया गया है। कर्नाटक हिंदीभाषी राज्य नहीं है, इसलिए वहां अंग्रेजी में पोस्टर लगा है। यह होर्डिंग-पोस्टर बेंगलुरु में विपक्षी दलों की 17-18 जुलाई को हो रही बैठक के दौरान शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगे हैं। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तुलना भागलपुर के सुल्तानगंज पुल से की गई है। निर्माणाधीन पुल दो बार गिर चुका है। दोनों बार गिरे इस पुल के हिस्सों की तस्वीर दिखाते हुए होर्डिंग-पोस्टर में नीतीश कुमार की अस्थिरता की चर्चा की गई है।