राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले
कालीचरण महाराज को मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने की है। कालीचरण पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में कई जगह मुकदमे दर्ज किए गए थे। महात्मा गांधी के खिलाफ बयानबाजी के बाद से ही वह फरार थे।
हालांकि मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कालीचरण की गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट किया ‘छत्तीसगढ़ पुलिस को अपने कार्रवाई की जानकारी मध्यप्रदेश पुलिस को देनी चाहिए थी। इससे इंटर स्टेट प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है। मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ पुलिस से आपत्ति दर्ज कराएंगे’।
मिश्रा के जवाब में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा नरोत्तम मिश्रा को बताना चाहिए कि वह महात्मा गांधी को अपमानित करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी से खुश हैं या दुखी?’
क्या है महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की राय
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी बापू पर की गई कालीचरण महाराज की अमर्यादित टिप्पणी पर उन्हें गिरफ्तार । बातचीत में उन्होंने कहा ‘मैं पुलिस कार्रवाई को ही जरूरी नहीं मानता, क्योंकि बापू की जिसने भी निंदा की या उन्हें मारा उन्होंने उसे माफ किया। जब भी बापू के साथ इस तरह की कोई घटना हुई तो वे कहते थे मैं उनसे (बापू का अपमान करने वालों से) बात करूंगा।
तुषार गांधी ने कहा कि हां यदि कालीचरण ने घृणा भरी बातें की हैं जिससे नफरत फैल सकती है तो कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए। यदि मध्यप्रदेश के गृह मंत्री को लगता है कि उनकी गिरफ्तारी में क्षेत्राधिकार का मामला है तो उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि भले ही राज्य के तौर पर अलग-अलग हों, लेकिन राष्ट्र एक है। तुषार गांधी यह भी कहते हैं लोग बापू को राष्ट्रपिता मानें या मानें यह लोगों की मर्जी है इसमें जबरदस्ती नहीं की जानी चाहिए, लेकिन घृणा से देश कमजोर होता है और ऐसे लोगों को रोका जाना चाहिए।
क्या है इंटर स्टेट अरेस्ट प्रोटोकॉल
कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जिस इंटर स्टेट अरेस्ट या अंतर राज्यीय गिरफ्तारी के प्रोटोकॉल के उल्लंघन की बात की है, उसे यहां समझने की कोशिश करते हैं।अंतर्राज्यीय गिरफ्तारी वह है जिसके तहत एक राज्य की पुलिस किसी आरोपी को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर किसी अन्य राज्य में गिरफ्तार या पूछताछ कर सकती है।
हालांकि, आरोपी को दूसरे राज्य में गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अधिकारी उस राज्य की स्थानीय पुलिस से सहयोग और सहायता के लिए अनुरोध कर सकती है क्योंकि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है। केवल स्थानीय पुलिस ही आरोपी को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर सकती है। जब मजिस्ट्रेट ट्रांजिट वारंट जारी करते हैं, तब ही आरोपी को उस राज्य की पुलिस की हिरासत में छोड़ा जाता है जहां उसने अपराध किया था।
अंतर्राज्यीय गिरफ्तारी के लिए दिशानिर्देश
1.पुलिस अधिकारी को जांच करने के लिए राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से बाहर जाने के लिए वरिष्ठ अधिकारी की पूर्व लिखित अनुमति लेनी होगी। अत्यावश्यक होने पर ही वह फोन पर अनुमति ले सकते हैं।
2. ऐसे मामलों में जहां पुलिस अधिकारी किसी आरोपी को दूसरे राज्य में गिरफ्तार करने का फैसला करतें हैं तो उन्हें तथ्यों और कारणों को लिखकर बताना होगा ताकि इस बात की संतुष्टि हो सके कि गिरफ्तारी क्यों जरूरी है। पुलिस को अधिकार क्षेत्र वाले मजिस्ट्रेट से गिरफ्तारी या तलाशी वारंट प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। वह किसी आरोपी को बिना वारंट के केवल आपात स्थिति में ही गिरफ्तार कर सकती है।
3. राज्य से बाहर जाने से पहले, पुलिस अधिकारी को अपने पुलिस स्टेशन की दैनिक डायरी (डीडी) में विस्तार से जानकारी देनी होगी। जिसमें उनके साथ जाने वाले पुलिस अधिकारियों और निजी अधिकारियों के नाम, वाहन संख्या, यात्रा का उद्देश्य, विशिष्ट स्थान का नाम (जहां का दौरा होना है), प्रस्थान का समय और तारीख दर्ज करनी होगी। साथ ही यह ध्यान रखना होता है कि जिसे गिरफ्तार किया जाना है, यदि वह महिला है तो टीम में एक महिला पुलिस अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा।
3. राज्य से बाहर जाने से पहले, पुलिस अधिकारी को अपने पुलिस स्टेशन की दैनिक डायरी (डीडी) में विस्तार से जानकारी देनी होगी। जिसमें उनके साथ जाने वाले पुलिस अधिकारियों और निजी अधिकारियों के नाम, वाहन संख्या, यात्रा का उद्देश्य, विशिष्ट स्थान का नाम (जहां का दौरा होना है), प्रस्थान का समय और तारीख दर्ज करनी होगी। साथ ही यह ध्यान रखना होता है कि जिसे गिरफ्तार किया जाना है, यदि वह महिला है तो टीम में एक महिला पुलिस अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा।
4. पुलिस अधिकारियों के पास उनके पहचान पत्र होने चाहिए, और वे वर्दी में होने चाहिए। इसके अलावा, उन्हें अपने पदनामों के साथ सटीक, स्पष्ट और दिखने वाले नाम टैग लगाना होगा।
5. दूसरे राज्य का दौरा करने से पहले पुलिस अधिकारी को स्थानीय पुलिस से संपर्क करना चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में उन्हें जांच करनी है। साथ ही वह जिस राज्य का दौरा करने जा रहा है, उस भाषा में प्राथमिकी और अन्य दस्तावेजों की अनुवादित प्रतियां ले जानी चाहिए।
क्या इस मामले में प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसी भी प्रोटोकॉल के उल्लंघन से इनकार किया है। उन्होंने कहा पुलिस ने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है और प्रक्रिया के अनुसार ही गिरफ्तारी की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि कालीचरण महाराज के परिवार और वकील को उनकी गिरफ्तारी के बारे में पुलिस ने सूचित कर दिया है। उन्हें 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश किया जाएगा।