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Monday, May 6, 2024

दो साल के बंदिशों के दौर से परेेशान छोटे स्टॉल संचालकों और दुकानदार ने प्रॉपर्टी डीएमआरसी को लौटाया

कोविड संक्रमण ने दिल्ली मेट्रो परिसरों में व्यावसायिक गतिविधियां चलाने वालों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पिछले करीब दो साल में बंदिशों के दौर से परेेशान छोटे स्टॉल संचालकों और दुकानदार अपनी प्रॉपर्टी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को लौटा रहे हैं।

पहली और दूसरी लहर के दौरान मेट्रो को बंदिशों के कारण टिकट सहित दूसरे मदों में करीब 2000 करोड़ का नुकसान हो चुका है। पिछली बार लॉकडाउन के दौरान मेट्रो सेवाएं बंद होने की वजह से छोटे दुकानदारों के लिए किराये का भुगतान करने में पेश आ रही मुश्किलों से बचने के लिए दुकानें वापस डीएमआरसी को सुपुर्द की जाने लगीं।

दोबारा कोरोना के मामले और ग्राहकों की संख्या में कमी को देखते हुए एक बार फिर कारोबार का रुख बदलने लगा है। महामारी काल में अब तक करीब 25 फीसदी दुकानें डीएमआरसी को लौटाई गई। हालांकि, मेट्रो की तरफ से दुकानों का नए सिरे से आवंटन भी किया जा रहा है। नुकसान की भरपाई करने के लिए डीएमआरसी ने 40 से अधिक प्रॉपर्टी को वॉक इन आधार पर देने के लिए आवेदन मांगा है।

 

डीएमआरसी के स्टेशनों पर करीब 400 छोटी बड़ी प्रॉपर्टी हैं। महामारी से पहले एक छोटे कियॉस्क पर भी रोजाना हजारों की बिक्री होती थी। अब हालात ऐसे हैं कि कश्मीरी गेट, द्वारका सेक्टर-21 सहित कई स्टेशनों पर दुकानदारों की वित्तीय सेहत बिगड़ती गई। अब तक करीब 100 दुकानदारों ने दुकानें सरेंडर कर दी है। वहीं, त्रिलोकपुरी, गोकुलपुरी सहित कुछ और स्टेशनों पर प्रॉपर्टी डेवलपमेंट और पुरानी दुकानों के आवंटन के लिए टेंडर भी किए गए हैं।

 

सूत्रों के मुताबिक, टेंडर के दौरान भी किराये पर दुकानें लेने के लिए आवेदकों की संख्या अधिक नहीं है। लॉकडाउन के दौरान दुकानदारों ने डीएमआरसी से किराये में कटौती सहित दूसरी वित्तीय राहत देने की मांग की थी। इसके बाद डीएमआरसी ने भी उनकी जरूरतों के मुताबिक उन्हें राहत दी। बार-बार संक्रमण के बढ़ते मामले और बंदिशों के कारण दुकानदारों के लिए कारोबार में टिके रहना मुश्किल होने की वजह से कई ऐसे वेंडर हैं जो दुकानों को सरेंडर कर रहे

मेट्रो में लागू बंदिशों की वजह से अभी भी 721 में से करीब 60-65 फीसदी प्रवेश और निकास गेट ही यात्रियों के लिए खुले हैं। इस वजह से गेट के इर्द-गिर्द की दुकानों पर बिक्री काफी कम हो गई है। पाबंदियों के कारण गेट बंद होने से खरीद बिक्री भी काफी कम रह गई है। लगातार हो रहे नुकसान से बचने के लिए छोटी दुकानें, कियॉस्क पिछले दिनों के दौरान लौटा दी गईं। इनमें से खानपान की चीजें बेचने वाली दुकानों की बिक्री सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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