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Thursday, May 2, 2024

आज जिला जज की कोर्ट में हिंदू पक्ष करेगा बहस, ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में सुनवाई

वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी में नियमित दर्शन की याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इसपर जिला जज की अदालत में आज हिंदू पक्ष की वादिनी पक्ष की ओर से बहस होगी। वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता बहस के साथ लिखित दलील भी कोर्ट में दाखिल करेंगे। इसमें वाद की पोषणीयता की पुष्टि करने वाले बिंदुओं के साथ प्रतिवादी की अर्जी खारिज करने का अनुरोध होगा।

इससे पहले वादिनी चार अन्य महिलाओं और मुस्लिम पक्ष की ओर से अदालत में बहस पूरी की जा चुकी है। वादिनी चार अन्य महिलाओं का भी कहना है कि मुकदमा सुनवाई योग्य है। वहीं, मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी का कहना है कि मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है।

दो और मामलों की भी सुनवाई आज
सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने व पूजा-पाठ की मांग के साथ ही इसमें मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक की मांग को लेकर दायर वाद पर भी सुनवाई होगी। यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरण सिंह की ओर से दाखिल है। वहीं सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्त की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई होगी। इस प्रकार ज्ञानवापी से जुड़े तीन अलग- अलग मामलों को लेकर गुरुवार को अदालत में सुनवाई होनी है।

ज्ञानवापी में मिले पूजा-पाठ का अधिकार, हमें मुकदमों की जरूरत नहीं

बीते मंगलवार को हुई सुनवाई में राखी सिंह के अधिवक्ताओं ने अदालत में दलील दी थी कि जहां पर जमीन कब्जा करके नमाज अदा की जाती है, उसे खुदा कभी कबूल नहीं करते हैं। अधिवक्ता मानबहादुर सिंह ने अदालत में कहा कि मुगल शासक औरंगजेब ने महज मंदिर गिराने का आदेश दिया था, मगर कुछ स्थानीय लोगों ने अवैध कार्य कर दिया।
पहले यह स्पष्ट होना चाहिए कि विवादित ढांचा किस धर्म का स्थान है। हमारा वाद सिर्फ दर्शन पूजन का है, जिसे राज्य सरकार ने जबरदस्ती डंडे व खाकी के बल पर बिना किसी विधिक आदेश के रोक दिया है। कानून हाथ में लेना उचित नहीं है, इसलिए हम कोर्ट की शरण में आए हैं। अधिवक्ताओं ने कहा कि सरकार बैरिकेडिंग हटा ले तो पूजा पाठ शुरू हो जाएगी और मुकदमे की जरूरत ही नहीं है।
anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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