प्रयागराज: पितृ मोक्ष अमावस्या यानि पितृ विसर्जन के मौके पर संगम में श्रद्धालुओं का सुबह से ही तांता लगा है तीर्थ राज प्रयाग में पूर्वजों की आत्मा की शान्ति और मुक्ति के लिए श्रद्धालुओं की बहुत भीड़ है श्रद्धालु संगम नगरी में पहुंचकर पूर्वजों का पिण्डदान और तर्पण कर रहे हैं श्रद्धालु त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना भी कर रहे हैं सनातन हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष में पिंडदान का विशेष महत्व है ऐसी मान्यता है कि इन दिनों में पूर्वजों को किये गए पिंडदान का फल उन्हें प्राप्त होता है. हिन्दू धर्म में पिंडदान प्रयाग,काशी और गया में ही होता है,लेकिन पितरों के श्राद्ध कर्म की शुरुआत प्रयाग के संगम तट पर मुण्डन संस्कार से ही होती है