संसद के विशेष सत्र का आज चौथा दिन है। आज राज्यसभा में सरकार ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ बिल पेश करेगी। विशेष सत्र से तीसरे दिन लंबी बहस के बाद लोकसभा में विधेयक 454 वोटों के साथ पास हो गया था। बता दें, बहस में 27 महिला सदस्यों ने बहस में हिस्सा लिया था।
संसद में जारी नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर चर्चा के बीच पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च ने नई रिपोर्ट में बताया कि कई देशों ने महिलाओं को राजनीतिक दलों में भी आरक्षण देकर महिला नेतृत्व बढ़ाया है। रिपोर्ट के अनुसार, नॉर्वे में 46 प्रतिशत, दक्षिण अफ्रीका में 45, ऑस्ट्रेलिया में 38 और फ्रांस व जर्मनी में 35 प्रतिशत जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं। इन देशों ने यह अनुपात संसद में आरक्षण देकर नहीं, बल्कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा महिलाओं को चुनाव के समय उम्मीदवारी में आरक्षण देकर हासिल किया गया। रिपोर्ट में बताया गया कि बांग्लादेश ने संसद की 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की हैं, लेकिन यहां 300 में से 21 प्रतिशत सांसद ही महिलाएं हैं। यह भी दावा किया गया कि महिलाओं को संसद में आरक्षण देने से मतदाताओं के लिए चुनाव में विकल्प सीमित हो जाते हैं। इसी वजह से विशेषज्ञों का सुझाव है कि राजनीतिक दलों के भीतर ही महिला आरक्षण देना चाहिए।