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Monday, May 13, 2024

यूपी में चुनाव से पहले सेट को लेकर हुआ बबाल, एक सीट पर भाजपा, सुभासपा, निषाद पार्टी और उपराज्यपाल के बेटे की दावेदारी

भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को 195 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए। उत्तर प्रदेश की भी 51 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का एलान कर दिया है। भाजपा ने पहली लिस्ट में पिछड़ा कार्ड खेला है। दलितों में पासी समाज को सबसे ज्यादा टिकट दिए हैं वहीं, अगड़ों में 10 ब्राह्मण, सात ठाकुर और एक पारसी शामिल हैं। पार्टी ने 2019 में हारी हुई 14 सीटों में से सात पर प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें से चार पर नए चेहरों को मौका दिया गया है।

मोदी सरकार 2.0 में उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री और भाजपा के 10 मंत्रियों समेत 44 मौजूदा सांसदों को फिर मैदान में उतारा गया है। मोदी सरकार 2.0 में यूपी से 15 मंत्री हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह की सीट गाजियाबाद और अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल की मिर्जापुर सीट पर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है।

उधर, भाजपा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। सूची जारी होने के बाद सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शनिवार रात को ही दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। दोनों के बीच सीटों को लेकर बातचीत हुई है। 

वहीं, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद पहले ही मिलकर सीटों के मुद्दे पर चर्चा कर चुके हैं। हालांकि अभी भी सीटों की संख्या को लेकर पेंच फंसा है। दोनों दल यूपी में कम से कम दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन भाजपा की ओर से फिलहाल दोनों दलों को एक-एक सीट ऑफर की गई है।

आपको बता दें कि भाजपा की पहली लिस्ट में सलेमपुर, कुशीनगर, चंदौली, लालगंज, डुमरियागंज, जौनपुर समेत कई ऐसी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया गया, जिन पर सुभासपा और निषाद पार्टी ने पहले से ही दावेदारी कर रखी थी। 

सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मऊ की घोसी, देवरिया की सलेमपुर, बलिया के अलावा चंदौली सीट पर दावेदारी कर रखी थी। जबकि निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद भी भदोही, गाजीपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर में से कोई दो सीट मांग रहे हैं। लेकिन भाजपा की पहली ही सूची में दोनों दलों की दावेदारी वाली कई सीटों पर उम्मीदवार उतर चुके हैं। 

ऐसे में अब राजभर और निषाद चाहते हैं कि उनकी दावेदारी वाली सीटों में जो बची हैं, उनमें से ही सीटें मिल जाएं। वहीं दूसरी ओर, गाजीपुर, सुल्तानपुर, बलिया समेत कई ऐसी सीटें हैं, जिन पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे कई भाजपा नेताओं की भी नजर है। इसे देखते हुए दोनों नेताओं ने गृहमंत्री अमित शाह से अलग-अलग मुलाकात करके अपने कोटे की सीटों पर भी स्थिति साफ करने का अनुरोध किया है।

दोनों दलों को एक-एक सीट देने की पेशकश
सूत्रों के मुताबिक भाजपा की ओर से दोनों नेताओं को फिलहाल एक-एक सीट देने की ही पेशकश की गई है, लेकिन दोनों नेता चाहते हैं कि उन्हें कम से कम दो सीटें जरूर मिलें। सूत्रों का कहना है कि सुभासपा को फिलहाल सिर्फ मऊ की घोसी सीट देने की बात कही गई है, लेकिन राजभर इसके लिए तैयार नहीं है। 

उन्होंने घोसी के अलावा बलिया या गाजीपुर में से भी एक सीट मांगी है। जबकि भाजपा ने राजभर को एक सीट यूपी और एक सीट बिहार में देने का ऑफर दिया है। यूपी की गाजीपुर एक ऐसी सीट है, जिस पर सुभासपा व निषाद पार्टी की दावेदारी है। इस पर सुभासपा की दावेदारी को अधिक मजबूत माना जा रहा है। जबकि निषाद पार्टी की सबसे पसंदीदा सीट भदोही हैं। 

सूत्रों के मुताबिक शाह से मुलाकात के दौरान भी राजभर ने गाजीपुर सीट देने की बात रखी है, लेकिन इस मांग को टाल दिया गया है।

उधर सूत्रों का ये भी कहना है कि गाजीपुर सीट के लिए जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गर्वनर मनोज सिन्हा भी अड़े हैं। राजभर के बाद देर रात सिन्हा ने भी अमित शाह से मिलकर अपनी बात रखी है। कहा जा रहा है कि गाजीपुर सीट से भाजपा सिन्हा के पुत्र अनुभव सिन्हा को मैदान में उतार सकती है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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