विश्वभर में सड़कों की गुणवत्ता सुधारी जाए। पैदल यात्रियों के चलने के लिए सभी जगह फुटपाथ का निर्माण किया जाए। यातायात नियमों का सख्ती से पालन हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अलग-अलग संस्थाओं के साथ मिलकर राहगीरों को सड़क हादसे से बचाने और हेलमेट इस्तेमाल को लेकर वैश्विक स्तर पर ये दिशा-निर्देश जारी किए।
इन दिशा-निर्देशों को आईआईटी दिल्ली के ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च इंजरी प्रिवेंशन सेंटर द्वारा एक सामाजिक संस्था के सहयोग से आयोजित संगोष्ठी में इसकी जानकारी दी गई। डब्ल्यूएचओ के सेफ्टी एंड मोबिलिटी प्रमुख डॉ. नहान ट्रान ने बताया कि ये नए दिशा-निर्देश पैदल यात्रियों के साथ होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए उपयोगी साबित होंगे।
बिना हेलमेट के सिर में लगने वाली चोट से होने वाली मौतों को कम करने के लिए गुणवत्ता वाले हेलमेट के इस्तेमाल को सख्ती से लागू कराने को भी कहा गया है। गुणवत्ता वाले हेलमेट का इस्तेमाल करने से घातक चोट से होने वाली मौतों को 74 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं।
विकासशील देशों में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं दो व तीन पहिया वाहनों से होती हैं। सड़क दुर्घटनाओं में हर साल विश्व में 13 लाख से अधिक लोग मारे जाते हैं। इस तरह हर मिनट दो से अधिक मौतें होती हैं। इनमें से 10 में से नौ मौतें निम्न और मध्यम आय वर्ग वाले देशों में होती हैं।
इन मौतों में पांच से 29 साल आयु वर्ग के बच्चे व युवाओं की संख्या अधिक है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, सभी दुर्घटना में होने वाली मौतों में से लगभग 30 प्रतिशत में दो और तीन पहिया वाहन शामिल हैं।
वहीं, भारत में पैदल यात्रियों की बात करें तो यहां कुल सड़क दुर्घटनाओं में पैदल यात्रियों की मौत का आंकड़ा 30% है। वहीं, भारत के कुछ बड़े शहरों में मारे गए पैदल चलने वालों की मौत का आंकड़ा 60 प्रतिशत तक है।