देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में महाशिवरात्रि की तैयारियां तेज हो गई हैं। शिव मंदिरों के आसपास सफाई के साथ ही पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग को भी दुरुस्त किया जा रहा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों को चारों प्रवेश द्वार से दर्शन पूजन का इंतजाम किया गया है। खास बात यह है कि भक्त बाबा का झांकी दर्शन ही कर सकेंगे। महाशिवरात्रि पर देश के कोने-कोने से काशी आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था का खाका भी खींच लिया गया है। 11 मार्च की भोर से देर रात तक श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था की कमान 10 एडिशनल एसपी के नेतृत्व में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के 30 कमांडो संभालेंगे।
महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या से शहर में 10 कंपनी सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात रहेंगे। इसके अलावा गोदौलिया, दशाश्वमेध, चौक और मैदागिन क्षेत्र में 25 डिप्टी एसपी, 415 दरोगा-इंस्पेक्टर और 1250 सिपाही-हेड कंस्टेबल तैनात रहेंगे। इसके अलावा 200 महिला-पुरुष पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में श्रद्धालुओं के हुजूम के बीच तैनात रहेंगे।
महाशिवरात्रि पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए चार प्रवेश द्वार निर्धारित किए गए हैं। मैदागिन से आने वाले भक्त छत्ताद्वार के 20 मीटर पहले से मंदिर चौक से मंदिर के पूर्वी गेट से दर्शन करेंगे और उनकी वापसी मणिकर्णिका गली द्वार से होगी। वहीं गोदौलिया से आने वाले भक्त बांसफाटक, ढुंढिराज गणेश होते हुए पश्चिमी गेट से प्रवेश कर दर्शन कर सकेंगे। वीआईपी, सुगम दर्शन, दिव्यांगजन छताद्वार से प्रवेश कर मंदिर के दूसरे गेट से दर्शन कर उसी से वापस निकलेंगे। स्थानीय लोगों के लिए सरस्वती फाटक गली से मंदिर में दक्षिणी गेट से दर्शन का इंतजाम किया गया है। महाशिवरात्रि पर भक्तों को बाबा के स्पर्श दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी, केवल झांकी दर्शन मिलेगा। गर्भगृह में भी प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
एलईडी स्क्रीन पर होगा दर्शन
महाशिवरात्रि पर शिवभक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर के आसपास वाले इलाके में बड़े एलईडी स्क्रीन भी लगाए जाएंगे। भक्त सीधे गर्भगृह से बाबा विश्वनाथ का लाइव दर्शन कर सकेंगें, इसके अलावा भक्तों को मैदागिन, गोदौलिया पर साउंड सिस्टम से दर्शन से जुड़ी जानकारी भी मिलती रहेगी।
बनेगा नो व्हीकल जोन
गोदौलिया से लेकर मैदागिन और लक्सा तक का पूरा क्षेत्र नो व्हीकल जोन होगा। भक्तों को चिकित्सीय सुविधा के लिए मंदिर परिसर में डॉक्टरों की टीम की तैनाती की गई है। इसके साथ ही इमरजेंसी के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था भी सुनिश्चित होगी।
महाशिवरात्रि पर मिलेगा शिवयोग और सिद्धयोग
काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पं. दीपक मालवीय ने बताया कि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। 11 मार्च को दिन में 2:21 बजे तक त्रयोदशी तिथि रहेगी और इसके पश्चात चतुर्दशी तिथि लग जाएगी। चतुर्दशी 12 मार्च को 2:20 बजे तक रहेगी। शिवरात्रि को सूर्योदय के समय उदयातिथि में महत्वपूर्ण शिवयोग प्रात: 9:39 मिनट तक है। इसके पश्चात सिद्ध योग लगेगा जो रात्रिपर्यंत रहेगा। यह योग सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है। महाशिवरात्रि का व्रत करने वाले व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति दिलाता है और आत्मा को शुद्ध करता है। मान्यता है कि इस तिथि पर देवी पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था। शुक्रवार को महाशिवरात्रि के व्रत का पारण होगा।
शिवमंदिरों में तैयारियां तेज
महाशिवरात्रि पर शहर के शिवमंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। काशी में द्वादश शिवलिंग वाले मंदिरों के अलावा शहर के सभी शिवमंदिरों में साफ-सफाई और आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जागेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, महामृत्यंजय मंदिर, सारंगनाथ, कपिलधारा, मारकंडेय महादेव, रामेश्वर, गौरीकेदारेश्वर आदि मंदिरों में तैयारियां तेज हो गई हैं।