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Sunday, May 19, 2024

नर्स ने कोरोना वॉरियर बन जज्बा दिखाया ,गर्भवती होने के बावजूद अपना फर्ज निभाते-निभाते इस दुनिया को अलविदा कह गई

छत्तीसगढ़ के कवर्धा ब्लॉक के गांव लिमो में एक नर्स ने कोरोना वॉरियर बन ऐसा जज्बा दिखाया कि आज हर कोई उसको सलाम कर रहा है। दरअसल, यह नर्स गर्भवती होने के बावजूद लगातार लोगों की सेवा करती रही। जब उसने बच्ची को जन्म दिया तो मां-बेटी दोनों संक्रमित थीं। बच्ची को तो डॉक्टरों ने किसी तरह बचा लिया, लेकिन नर्स ने अपना फर्ज निभाते-निभाते इस दुनिया को अलविदा कह गया। 
गर्भावस्था में लगातार करती रही ड्यूटी
जानकारी के मुताबिक, नर्स के पति भेष कुमार बंजारे ने बताया कि उनकी पत्नी प्रभा गर्भवती होने के बावजूद कोविड वॉर्ड में ड्यूटी करती रही। वह कवर्धा ब्लॉक के ग्राम लिमो में रहती थी, जबकि उसकी पोस्टिंग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खैरवार खुर्द लोरमी (मुंगेली) में थी। गर्भावस्था के दौरान वह ग्राम कापादाह में किराए के कमरे में अकेली रहने लगी और वहां से अस्पताल आती-जाती थी। 
पति ने दी यह जानकारी
भेष कुमार ने बताया कि 30 अप्रैल को प्रसव पीड़ा हुई तो प्रभा को कवर्धा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सिजेरियन ऑपरेशन से उसने एक बच्ची को जन्म दिया। अस्पताल में रहते वक्त उसे कई बार बुखार आया। डिस्चार्ज होने पर जब वह घर पहुंची तो खांसी भी शुरू हो गई। एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे कवर्धा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उसे रायपुर रेफर किया गया, लेकिन 21 मई को उसकी मौत हो गई।
छुट्टी लेने को तैयार नहीं हुई नर्स
पति ने बताया कि उसने कई बार प्रभा से छुट्टी लेने को कहा था, लेकिन वह तैयार ही नहीं हुई। वह कहती थी कि कमरे में बैठकर क्या करूंगी? इससे अच्छा है कि ड्यूटी करती रहूं। वह गर्भावस्था में भी पूरे 9 महीने तक अस्पताल में ड्यूटी करती रही। जब प्रसव पीड़ा हुई और नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो रही थी, तब उसे सिजेरियन प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एक साल पहले हुई थी शादी
जानकारी के मुताबिक, रायपुर के धरसींवा में रहने वाली प्रभा की शादी जून 2020 के दौरान लिमो निवासी भेष कुमार से हुई थी। उस वक्त लॉकडाउन था तो दोनों ने कोरोना की हर गाइडलाइन का पालन भी किया था। 
युक्ति रखेंगे बच्ची का नाम
भेष कुमार बताते हैं कि प्रभा और उसकी नवजात बच्ची दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। बच्ची को दूसरे हॉस्पिटल में भर्ती किया था। वह स्वस्थ है और रायपुर में अपनी नानी की देखरेख में है। वहीं, प्रभा के फेफड़ों में 80 फीसदी तक इंफेक्शन हो गया था, जिसके चलते उसकी जान नहीं बची। उन्होंने बताया कि अभी उनकी बच्ची का नामकरण संस्कार नहीं हुआ है, लेकिन प्रभा को युक्ति नाम पसंद था। ऐसे में यही नाम रखा जाएगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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