विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि रामनवमी के दिन ऐसी व्यवस्था बनेगी कि दोपहर के समय सूर्य की किरणें सीधे गर्भगृह तक पहुंचे। इसके लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की टीम की भी मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रयास होंगे कि अगले साल के अंत तक श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो जाए।
विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय बुधवार को जिले के छर्रा और अतरौली कस्बों में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुए। वह छर्रा के खुलावली गांव में विहिप के सेवा प्रकल्प के लिए भूमि और शिला पूजन करने आए थे। यहां रसिक टॉवर के कम्युनिटी हॉल में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सेवा प्रकल्प स्थानीय लोगों के सहयोग से चलता है। सरकारी पैसों से चलने वाली संस्था सरकार बदलने पर समाप्त हो जाती है। देशवासियों ने मंदिर निर्माण के लिए इतना दिया है कि पांच वर्ष तक दोबारा किसी को कुछ देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक अनुमान के मुताबिक 10 से 11 करोड़ जनता ने इतना दान दिया है कि हमने सपने में भी नहीं सोचा था।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि तीन मंजिला मंदिर में करीब 20 लाख घन फीट का संपूर्ण स्ट्रक्चर बनेगा, जोकि 360 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा तीन मंजिला होगा, जिसमें करीब 700 खंभे होंगे। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण लाखों हिंदुओं की तपस्या के चलते संभव हुआ है। अतरौली में जन्मे स्व. कल्याण सिंह जैसे साहसी नेता भी हुए, जिन्होंने साहस से कहा था कि मैं कार सेवकों पर गोली नहीं चलाऊंगा। ढांचा टूटने की पूरी जिम्मेदारी मेरी है। किसी अधिकारी का कोई दोष नहीं। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया। यह सब उनके अंदर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मिट्टी से बने संस्कार थे। मथुरा के सवाल पर चंपत राय ने कहा कि मथुरा की बात मथुरा वाले जानें। मथुरा प्रकरण से फिलहाल उनका कोई मतलब नहीं। एक कदम जमा लें, फिर अगले कदम की बारी है। अतरौली में इस मौके पर एटा के सांसद राजवीर सिंह भी मौजूद थे
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 1990 में राम मंदिर आंदोलन के समय राष्ट्रीय स्वयं संघ के सभी प्रचारकों से कह दिया गया था कि इस आंदोलन से पीछे नहीं हटना है, चाहे कितना भी समय लगे।
चंपत राय बुधवार को आगरा रोड स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में श्रीरामजन्म भूमि मंदिर ‘प्रगति प्रतिवेदन’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर बाबर के समय जो ढांचा खड़ा किया गया, उस पर पूरा हिंदू समाज एवं संघ परिवार विचार करता था। वर्ष 2010 में कोर्ट का फैसला मंदिर के पक्ष में आया और 2019 में पूर्ण फैसला मंदिर के पक्ष में आया।
उन्होंने कहा कि हम हमेशा यहीं कहते आए कि मंदिर पूर्व से है, जिसे तोड़ा गया। उसके ही पुनर्निर्माण की मांग हमारी है और यह हिंदू समाज की मूंछ का भी सवाल था। कोर्ट के पांच न्यायाधीशों ने एक राय से मंदिर के पक्ष में निर्णय दिया। उन्होंनेे कहा कि टाटा ग्रुप सलाहकार के रूप में एवं एल एंड टी ग्रुप निर्माण का कार्य कर रहा है। दोनों भारतीय हैं। चंपत राय ने कहा कि पूरा मंदिर पत्थर का ही बनेगा। उसमें लोहे का कही प्रयोग नहीं है। इस अवसर पर विहिप के आरके जिंदल, दिनेश शास्त्री, राजकुमार, मनोज, मुकेश राजपूत, विजेंद्र चौधरी, डॉ. भगत सिंह, योगेश वार्ष्णेय, जितेंद्र, ललित, प्रतिमा रानी, पल्लव नवमान, निशा शर्मा, हरिप्रकाश आदि मौजूद थे। इससे पूर्व मौजूद लोगों को श्रीराम मंदिर संघर्ष की कहानी को वीडियो के माध्यम से दिखाया गया। 1990 के आंदोलन से लेकर वर्तमान मंदिर निर्माण तक की जानकारी को वीडियो में शामिल किया गया था।