इस परीक्षा को पास करने के बाद नौकरी के लिए अप्लाई करने की वैधता अब तक केवल 7 वर्ष की थी, जिसे केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए आजीवन करने का निर्णय ले लिया है। बताना चाहेंगे, इसके तहत साल 2011 के बाद से जारी हुए टीईटी प्रमाण पत्र की योग्यता अवधि अब आजीवन कर दी गई है। जल्द ही संबंधित राज्य व केंद्र शासित प्रदेश उन उम्मीदवारों को नए टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे, जिनकी सात वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है।
आइये जानते हैं कि इस कदम का भारत की शिक्षा प्रणाली पर क्या असर होगा…
हर साल, देश के कोने कोने से लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा को देते हैं. और इसे क्वालीफाई करने के बाद अब तक उनके पास केवल 7 साल की जॉब सिक्योरिटी ही रहती थी। पर अब, चूंकि सरकार ने ये नया नियम साल 2011 से लागू किया है, तो 2011, 2012 और 2013 में भी जिन स्टूडेंट्स ने एग्जाम क्वालीफाई किया था, उनके प्रमाण पत्र की वैधता भी बढ़कर आजीवन हो गई है। इस तरह इस कदम ने ऐसे लाखों युवा क्वालीफायर्स के लिए अच्छे रोजगार के दरवाजे खोल दिए हैं, जिनके टेस्ट की वैधता या तो खत्म हो चुकी है या खत्म होने वाली थी। यही नहीं, ये साल 2011 के बाद के हर एक क्वालीफायर को जॉब सिक्योरिटी प्रदान करता है, जिसके चलते वे अपने करियर को स्थिर रख पाएंगे।
- नई शिक्षा नीति के तहत किया गया बदलाव