DMK नेता उदयनिधि स्टालिन के द्वारा सनातन धर्म पर टिप्पणी के खिलाफ अलग अलग राज्यों में दर्ज FIR को एक साथ को जोड़ने की मांग का मामला
जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप बोलने की आजादी और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हैं और फिर अनुच्छेद 32 के तहत सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट आते हैं?”
मामले की सुनवाई कर रहे दूसरे जज जस्टिस दीपंकर दत्ता ने कहा आप कोई आम आदमी नहीं हैं। आप एक मंत्री हैं आपको इसका परिणाम पता होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आप अपने अनुच्छेद 19(1)(ए) का दुरुपयोग करते हैं।
क्या आप नहीं जानते कि आपने जो कहा उसका परिणाम क्या होगा?
हालाकि कोर्ट ने उन्हें सुनवाई के दौरान पहले उन्हें हाई कोर्ट जाने को कहा था लेकिन जब वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा यूपी,बेंगलुरु,पटना और जम्मू में FIR दर्ज है। उनको एक साथ एक साथ जोड़ दिया जाए। इसके लिए सिंघवी ने अर्नब गोस्वामी, नूपुर शर्मा, मोहम्मद जुबैर और अमीश देवगन के मामलों का हवाला दिया तो कोर्ट ने कहा अगले हफ्ते सुनवाई करेगा।