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Sunday, May 19, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से ब्यौरा लिया ,अबतक कितने लोगों को कोविड-19 टीके की खुराक दी जा चुकी

सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा है कि अब तक कितने लोगों को कोविड-19 टीके की एक या दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं। अदालत ने यह भी पूछा है कि गांवों और शहरों में कितनी फीसदी आबादी को टीका लग चुका है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने वैक्सीन खरीद का पूरा ब्योरा भी मांगा है। न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह कोविड-19 टीकाकरण नीति पर अपनी सोच दर्शाने वाले प्रासंगिक दस्तावेज और फाइल नोटिंग रिकॉर्ड पर रखे।

शीर्ष अदालत ने कहा, हमने देखा है कि केंद्र सरकार के नौ मई के शपथपत्र में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को नागरिकों का मुफ्त टीकाकरण करना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अदालत के सामने इसे स्वीकार या इससे इनकार करें। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 30 जून तय कर दी। अदालत ने केंद्र से दो सप्ताह के अंदर शपथपत्र दाखिल करने के लिए कहा है।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अगर उन्होंने (राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने) अपने नागरिकों का टीकाकरण निशुल्क करने का फैसला किया है तो यह जरूरी है कि यह नीति उनके शपथपत्र के साथ संलग्न की जाए जिससे उनके क्षेत्रों की आबादी राज्य के टीकाकरण केंद्र में मुफ्त टीकाकरण के अपने अधिकार के प्रति आश्वस्त हो सके। अदालत ने कहा कि हमने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी दो सप्ताह में शपथपत्र दाखिल करने को कहा है। 
 

टीका खरीद का विवरण दें : कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पूतनिक-वी सहित अब तक के सभी कोविड-19 टीकों की खरीद पूरा विवरण देने के लिए कहा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि अब तक कितने लोगों को वैक्सीन का एक या दोनों डोज लगाए जा चुके हैं।

शीर्ष अदालत कोर्ट ने आदेश दिया कि टीकों की खरीद के वितरण में स्पष्ट करना चाहिए कि सभी तीन टीकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए सभी खरीद आदेशों की तारीखें होनी चाहिए। तिथि के अनुसार आदेशित टीकों की मात्रा बताने के लिए कहा गया है। 

पूछा- टीकाकरण कैसे और कब होगा?
साथ ही आपूर्ति की अनुमानित तिथि के बारे में भी खुलासा करने के लिए कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी जानना चाहा है कि फेज-एक, दो और तीन में शेष आबादी का टीकाकरण कैसे और कब होगा। सरकार को इसकी रूपरेखा प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

कोविड-19 प्रबंधन से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा शुरू किए गए स्वत: संज्ञान मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने यह आदेश पारित किया है।

शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार को यह भी ब्यौरा देने के लिए कहा है कि टीकाकरण अभियान के पहले तीन चरणों में पात्र व्यक्तियों में से कितनी फीसदी जनसंख्या को एक खुराक या दोनों खुराक दी जा चुकी हैं। सरकार को यह भी बताने के लिए कहा गया है कि गांवों और शहरों में कितनी फीसदी आबादी को कोविड-19 का टीका लग चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इन सभी विवरणों को दो हफ्ते के भीतर एक हलफनामे के माध्यम से दाखिल करने के लिए कहा है।

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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