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Friday, April 26, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने EWS के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण पर मुहर लगाया

सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक बेंच ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण पर अपनी मुहर लगा दी है। मामले की सुनवाई करते हुए पांच जजों वाली संवैधानिक पीठ ने EWS आरक्षण के पक्ष में 3-2 के अंतर से अपना फैसला सुनाया।

जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस जेबी पारदीवाला ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सहमति जताई है। तीनों जजों का मानना है कि कि यह आरक्षण संविधान का उल्लंघन नहीं करता है। फैसला सुनाते हुए तीनों जजों ने यह भी माना कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन नहीं करता है। वहीं सीजेआई जस्टिस यूयू ललित व जस्टिस रवींद्र भट ने इस पर असहमति जाहिर की।

27 सितंबर को फैसला रखा था सुरक्षित

दरअसल, ईडब्ल्यूएस कोटे की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस मामले में कई याचिकाओं पर लंबी सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने 27 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। तत्कालीन सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने पांच अगस्त, 2020 को इस मामले को संविधान पीठ को भेज दिया था।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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