उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं
महाराष्ट्र को 11.57 और उत्तर प्रदेश को 4.95 लाख खुराकें मिली हैं
केंद्र सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल रेमडेसिविर के 53 लाख इंजेक्शन उपलब्ध कराए हैं जो आगामी 16 मई तक के लिए रहेंगे। इन इंजेक्शन को जिला प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराया जा रहा है। अस्पताल से जानकारी मिलने के बाद यह इंजेक्शन सीएमओ कार्यालय के जरिये मिलेगा। हालांकि अभी भी देश के कई हिस्सों में तीमारदारों को इंजेक्शन लाने की सलाह दी जा रही है। कंपनियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे आपूर्ति योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समय से आपूर्ति करें।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि देश भर में कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा रेमडेसिविर की सहज आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को 16 मई तक के लिए आवंटित की गई है। वहीं रेमडेसिविर की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 1.03 करोड़ खुराक प्रति माह कर दी गई है जो पहले 38 लाख प्रति माह थी। गिलीड कंपनी ने रेमडेसिविर को विकसित किया था जिसे भारत की छह कंपनियां बना रही हैं लेकिन सरकार ने हाल ही में और भी फार्मा कंपनियों को यह दवा बनाने का लाइसेंस भी दिया है।
हालांकि नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल का कहना है कि रेमडेसिविर का अधिक इस्तेमाल भी घातक हो सकता है। अभी की स्थिति को लेकर बात करें तो केवल आठ से 10 फीसदी सक्रिय मरीजों को ही रेमडेसिविर दी जा सकती है। अगर इससे ज्यादा इंजेक्शन की खपत हो रही है तो इसका मतलब उक्त जिला या राज्य में गलत प्रैक्टिस को बढ़ावा मिल रहा है और लोग जबरन उसका भंडारण करने में लगे हुए हैं।
महाराष्ट और यूपी को मिलेंगे सबसे ज्यादा
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। महाराष्ट्र को 11.57 और उत्तर प्रदेश को 4.95 लाख खुराकें मिली हैं। एक मरीज को कम से कम छह इंजेक्शन की आवश्यकता होती है लेकिन डॉक्टरों की ही मानें तो इसके दुष्प्रभाव काफी अधिक हैं। अगर किसी मरीज में यह इंजेक्शन दुष्प्रभाव देता है तो उसे बचाना काफी मुश्किल हो सकता है।
भारत पहुंची 25000 से ज्यादा रेमडेसिविर
अमेरिकी कंपनी गिलीड साइंसेज द्वारा भारत को भेजे गए 25,600 रेमडेसिविर के वायल मिलने पर भारत सरकार ने धन्यवाद दिया है। विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा,25,600 रेमडेसिविर देने के लिए आभार, आज ही रेमडेसिविर की ये खेप मुंबई पहुंची।