राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि ’खादी एक वस्त्र नहीं विचारधारा है’ जो हर किसी को रोजगार से जोड़ता है.सरकार खादी को प्रमोट करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास कर रही है लखनऊ के चारबाग स्थित बाल संग्रहालय में राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है जिसमें 12 प्रदेशों के खादी से बने वस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई गई है इस साल की खादी प्रदर्शनी में युवाओं को जोड़ने के लिए खादी के परिधानों में फैशन का तड़का लगाया गया है.
4 अक्टूबर से शुरू हुई प्रदर्शनी 16 अक्टूबर तक चलेगी.प्रदर्शनी में लगभग 70 से 80 दुकाने लगाई गई है
इस प्रदर्शनी को आयोजित करने का यही उद्देश्य है कि जन जन तक खादी पहुंचे और खादी की जो भी विशेषताएं हैं उन विशेषतायो के बारे में भी आज की युवा पीढ़ी जाने.
इस साल भी खादी ग्रामउद्योग प्रदर्शनी में कोरोना का असर देखने को मिल रहा| खादी से बनी डिजाइनर साड़ियां,सिल्क की साड़ियां,
दुपट्टे,मास्क, तौलिया, सदरी, कोट,स्टाइलिश कुर्ता-पजामा, शर्ट, पैंट, सूती रेशमी, हैंड पेंटिंग और मधुबनी पेंटिंग की हुई साड़ियां उचित दामों पर मिल रहीं हैं.