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Monday, July 7, 2025

अब तक ईरान के 80 से ज्यादा शहर महिलाओं के गुस्से की चपेट में

कड़े स्कार्फ नियमों का पालन नहीं करने पर मोरल पुलिस की हिरासत में हुई 22 साल की कुर्दिश महशा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुआ महिलाओं का आंदोलन शांत होता नहीं दिख रहा है। अब तक ईरान के 80 से ज्यादा शहर महिलाओं के गुस्से की चपेट में आ चुके हैं।

सड़कों पर प्रदर्शन कर रही महिलाएं सरकार विरोधी नारेबाजी कर रही हैं, जिनका निशाना असल में देश का इस्लामिक शासन और सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई हैं। ईरानी टीवी के मुताबिक, इस मसले पर हुई हिंसक झड़पों में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। हाल के सालों में ईरान में ऐसा आंदोलन नहीं देखा गया है

देश के मशहद, क्यूचेन, शिराज, तबरिज और कारज आदि में प्रदर्शनकारियों के साथ हुई झड़पों में कम से कम पांच सुरक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है और काफी अन्य घायल हैं। देश में इस्लामी कानून के तहत लगी कड़ी व्यक्तिगत पाबंदियों की आग में महशा की मौत ने घी डाल दिया है।

पिछले कुछ दिन में देश के कानूनों के प्रति अवज्ञा का प्रदर्शन करने के लिए महिलाओं ने सड़कों पर प्रदर्शन के दौरान अपने हेडस्कार्फ को आग लगाई है। क्यूम और इस्फान जैसे धार्मिक समेत कई शहरों में प्रदर्शन करते हुए सर्वोच्च नेता खामनेई के पोस्टर जलाए हैं। जनवरी 2020 में अमेरिका के ड्रोन हमले में मारे गए रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांडर कासिम सुलेमानी के गृह नगर केरमान में उनके पोस्टर फाड़कर आग के हवाले कर दिए। सुलेमानी को सीरिया और ईरान में ईरान की रणनीतिक ताकत का प्रतीक माना जाता है।

 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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