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Friday, May 17, 2024

जयशंकर बोले- भारत सदियों से सीमा पर विदेशी हमलों, उपनिवेशवाद से पीड़ित समाज का अब कायाकल्प कर रहा है

Jaishankar @ UNGA : संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में भारतीय समयानुसार शनिवार रात विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने संबोधित करते हुए आतंकवाद के साथ परोक्ष रूप से पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान पर भी निशाना साधा। यूएनजीए में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि वर्ष 2022 भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर है।

उन्होंने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा कि मैं दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश से 130 करोड़ लोगों की शुभकामनाएं लेकर आया हूं। भारत अपनी आजादी के 75 साल मना रहा है, जिसे हम आजादी का अमृत महोत्सव कह रहे हैं। इस दौर की कहानी लाखों भारतीयों के परिश्रम, दृढ़ संकल्प और उद्यम की है।

यह नया भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में अपने विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी ने आजादी के 75 साल पूरे होने पर पांच प्रण लिए थे। हम भारत को विकसित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने दुनिया को वैक्सीन दी, लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। आज हमारा फोकस ग्रीन ग्रोथ, एक्सेसबल हेल्थ पर है। दुनिया कोरोना के बाद आर्थिक संकट से गुजर रही है। फ्यूल, फर्टिलाइजर और फूड को लेकर संकट बना हुआ है।

उन्होंने कोरोना महामारी का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा मानना है कि ऐसे समय में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संकीर्ण राष्ट्रीय एजेंडे से ऊपर उठना चाहिए। भारत अपनी ओर से असाधारण समय में असाधारण उपाय कर रहा है। उन्होंने अपनी बात के समर्थन में अफगानिस्तान में 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और कई किश्तों में दवाएं और टीके भेजने, ईंधन, आवश्यक वस्तुओं और व्यापार निपटान के लिए श्रीलंका को 3.8 बिलियन डॉलर का कर्ज देने और म्यांमार को 10,000 मीट्रिक टन खाद्य सहायता और वैक्सीन की आपूर्ति करने जैसे उदाहरण भी दिए। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से आपदा के समय में अपने करीबी मित्रों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत सदियों से सीमा पर विदेशी हमलों, उपनिवेशवाद से पीड़ित समाज का अब कायाकल्प कर रहा है और लोकतांत्रिक ढांचे में ऐसा कर रहा है। जिसकी अध्ययन प्रगति अधिक प्रामाणिक आवाजों और जमीनी नेतृत्व में परिलक्षित होती है। इस संघर्ष का शीघ्र समाधान खोजने के लिए संयुक्त राष्ट्र के भीतर और बाहर दोनों जगह काम करना हमारे सामूहिक हित में है।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोई सवाल ही नहीं है कि यूएनजीए दुनिया की स्थिति को दर्शाता है, जो इस समय विशेष रूप से ध्रुवीकृत है और इस तरह से पता चलता है कि भारत कितना मायने रखता है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज हमें व्यापक रूप से वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में माना जाता है। विश्व अर्थव्यवस्था में संकट है जहां भोजन की लागत, ईंधन, उर्वरक, ऋण की स्थिति गहरी चिंताएं हैं। इन मुद्दों पर सुनवाई नहीं होने से मायूसी है। भारत के अलावा कोई और नहीं है जो इस पर आवाज उठा रहा है।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि महासभा में किसी देश के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों या वित्त मंत्रियों के लिए किसी दूसरे देश का उल्लेख करना सामान्य बात नहीं है, लेकिन कई लोगों ने कई अवसरों पर भारत के लिए बात की। यह पुष्टि करता है कि भारत अधिक मायने रखता है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जलवायु की आपात स्थिति चुनौतीपूर्ण है और दक्षिण एशिया व यूरोप में सामने आ चुकी हैं। इसमें भारत ने जो नेतृत्व दिखाया है, उसे देखते हुए उन्होंने हमारे साथ काम करने में रुचि दिखाई है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में डिलीवरी उनकी ताकत है… किसी विचार को साकार रूप बदलना पीएम मोदी का मजबूत बिंदु है।

उन्होंने रूसी वित्त मंत्री के साथ अपनी चर्चा पर कहा कि हमारी द्विपक्षीय सहयोग, संयुक्त राष्ट्र सुधार, यूक्रेन से जुड़े मुद्दों पर बात हुई है। उन्होंने मुझे रूसी परिप्रेक्ष्य से घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। जी20 पर चर्चा हुई क्योंकि ये कुछ महीनों में होगा। यूएनजीए में यूक्रेन के प्रधानमंत्री के साथ चर्चा पर विदेश मंत्री ने कहा कि बड़ी चिंता स्वयं संघर्ष थी। उन्होंने मुझे यूक्रेन के बारे में अपनी धारणा और चिंताएं बताईं। भारत के संदर्भ में, हमने अपनी स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने इस बात की सराहना की कि हम संघर्ष जारी रखने के खिलाफ और बातचीत व कूटनीति पर लौटने के पक्षधर हैं।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ वैश्विक चुनौतियों पर व्यापक चर्चा हुई। इसके एजेंडे में यूक्रेन संघर्ष, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार, जी20, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और विकास के आंकड़े शामिल थे।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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