शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार को गुरुघरों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। सरकार और धर्म के क्षेत्र के अपने-अपने निर्धारित काम हैं। एसजीपीसी सिख पंथ की निर्वाचित प्रतिनिधि संस्था है, जो लगातार गुरुद्वारों के प्रबंधन के साथ-साथ धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए काम कर रही है। धामी की यह प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री मान के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने गुरबाणी का प्रसारण पूरे विश्व में करने व उसके खर्च की जिम्मेदारी सरकार द्वारा उठाने की बात कही थी। गुरुबाणी प्रसारण के मामले पर जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह के आदेश के अनुसार एसजीपीसी ने पहले ही 7 सदस्यीय उप समिति गठित कर दी है। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शिरोमणि समिति के अध्यक्ष एडवोकेट धामी ने कहा कि संगत की भेंट से गुरुघरों की सेवा चलती है। संगत सब कुछ करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री को धर्म के नाम पर राजनीति कर संगत को गुमराह करने के बजाय सरकार द्वारा किए जाने वाले कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।
पंजाब सरकार सचखंड की तरफ जाने वाले रास्तों को चौड़ा करे
धामी ने कहा कि एसजीपीसी के बजट सत्र और उससे पहले भी सरकार से अनुरोध किया गया था कि सचखंड श्री हरमंदिर साहिब की ओर जाने वाली बाकी सड़कों को घंटाघर की तरफ किए गए सौंदर्यीकरण की तर्ज पर सुंदर बनाया जाए। सुप्रीम कोर्ट से भी अपील की गई है कि सरकार के पास लंबित शैक्षणिक संस्थानों को करोड़ों रुपये की एससी स्कॉलरशिप जारी करवाई जाए। सहायता प्राप्त स्कूलों के एसजीपीसी कर्मचारियों के लंबित मुद्दों को भी हल किया जाए। लेकिन सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
कैप्टन सरकार ने भी विधान सभा में पारित किया था प्रस्ताव
मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा सचखंड श्री हरमंदिर साहिब से रिले हो रही गुरबाणी का प्रचार पूरे विश्व में करने व उसका सारे खर्च की जिम्मेदारी पंजाब सरकार द्वारा उठाने के दिए बयान के बाद सिखों की भावनाओं व देश विदेश में बसे करोड़ों नानक नाम लेवा के साथ जुड़ा यह भावनात्मक मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। नवंबर 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार द्वारा श्री दरबार साहिब से सभी टीवी चैनलों को गुरबाणी के प्रसारण अधिकार देने का प्रस्ताव पारित किया था। श्री गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान तत्कालीन मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा ने प्रस्ताव पेश किया था। विधान सभा द्वारा किए गए इस संकल्प का एक प्रारूप एसजीपीसी को भेजा गया था