सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान और भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सूडान की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। इस दौरान सैन्य वृद्धि को रोकने और सूडान की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने वाले संरचना समझौते (Framework Agreement) पर लौटने पर जोर दिया गया। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
बातचीत के बाद विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने ट्वीट किया, सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान से अभी-अभी बात की। सूडान की स्थिति के बारे में उनके आकलन की सराहना की। हम निकट संपर्क में बने रहेंगे।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि हिंसा प्रभावित सूडान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत विभिन्न देशों के साथ निकटता से समन्वय कर रहा है। इसमें क्वार्टेट देश अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की एक महत्वपूर्ण भूमिका है और हम उसी के अनुसार उनके साथ संपर्क कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय और खार्तूम में भारतीय मिशन सूडान में स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि भारत इस मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र के साथ काम कर रहा है, जिसकी सूडान में अच्छी खासी मौजूदगी है।
सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के समकक्षों से बात की है। दोनों ने मौजूदा हालात पर अपने व्यावहारिक समर्थन का आश्वासन दिया। वाशिंगटन डीसी में हमारे राजदूत और लंदन में उच्चायुक्त अपनी-अपनी मेजबान सरकारों के संपर्क में हैं।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली में इस मामले को लेकर एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। हम खार्तूम में अपने दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं और भारतीय समुदाय की स्थिति की नियमित रिपोर्ट प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही दूतावास व्हाट्सएप समूहों सहित कई तरीकों से समुदाय और व्यक्तियों के संपर्क में है। सूत्रों ने कहा कि सूडान में सड़कों पर स्थिति बहुत तनावपूर्ण है और इस अवस्था में आवाजाही बहुत जोखिम भरी है। हमारी प्राथमिकता लोगों की आवाजाही की सुरक्षा और उनकी सलामती है, चाहे वे कहीं भी हों। मंत्रालय और दूतावास दोनों स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सुरक्षा और सुरक्षा की चिंता को लेकर हम इस मामले में ज्यादा विवरण नहीं दे सकते हैं।