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Saturday, May 4, 2024

भातखंडे विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपये के गबन  के आरोप में बर्खास्त कुलपति श्रुति सडोलीकर पर मुकदमा दर्ज

भातखंडे विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपये के गबन व फर्जी तरीके से भुगतान के आरोप में बर्खास्त कुलपति श्रुति सडोलीकर काटकर पर मुकदमा दर्ज हो गया है। राज्यपाल की संस्तुति के बाद बर्खास्त कुलपति व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कुलसचिव की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।

भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. लवकुश द्विवेदी ने तहरीर में आरोप लगाया कि पूर्व कुलपति श्रुति सडोलीकर और कई कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासनिक, वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे। राज्यपाल के आदेश पर कराई गई जांच में आरोप सही पाए गए थे। 10 दिसंबर को जांच आख्या स्वीकार कर उनको बर्खास्त कर दिया गया था।

निदेशक संस्कृति निदेशालय से पूर्व कुलपति और उनके करीबी कर्मचारियों, अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश मंगलवार को हुआ। प्रभारी निरीक्षक कैसरबाग आनंद प्रकाश शुक्ला के मुताबिक, कुलसचिव की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
बिना टेंडर तीन करोड़ के कला मंडपम का निर्माण
कुलसचिव द्वारा दी तहरीर में बर्खास्त कुलपति व अन्य कर्मचारियों पर मनमान तरीके से करोड़ों के भुगतान का आरोप है। इनमें 2017-18 में बिना टेंडर कराए एक ही प्रकार के काम, एक ही फर्म ऊषा एसोसिएट्स से टुकड़ों में 2,17,085, 1,44,000 और 2,21,790 का भुगतान कर दिया गया। वहीं, कला मंडपम के निर्माण में बिना टेंडर 3.08 करोड़ के काम का अनुमोदन कर दिया गया। इसके अलावा एक्यूरेट इंजीनियरिंग सरवन प्लाजा हजरतगंज को बिना टेंडर व बिना ई-टेंडर के 23,91,103 रुपये भुगतान की स्वीकृति।

अंजली टेंडर्स पुन्य इंटरप्राइजेज एपेक्स कूलिंग सर्विसेज, बीआर इंटरप्राइजेज, इंडियर फायर सर्विस, एक्यूरेट इंजीनियरिंग, ऊषा एसोसिएट्स, वर्मा इलेक्ट्रॉनिक्स, यूपी इंडस्ट्रियल कार्पोरेशन को दो साल में 4 करोड़ का भुगतान किया गया है। वहीं, 1.80 करोड़ का भुगतान बाकी है। कला मंडपम में प्रेक्षागृह निर्माण, बिजली विभाग से किसी भी अनुमति व लोड बढ़ाने संबंधित कार्यवाही, प्रेक्षागृह में एसी, जनरेटर, लाइट के इंतजाम के कार्य भी बिना टेंडर के कराये गये हैं।
काम को टुकड़ों में बांटकर चहेतों को दे दिया
आरोप है कि बर्खास्त कुलपति ने बिना टेंडर काम को टुकड़ों में बांटकर चहेतों को दे दिया। सामानों का भौतिक सत्यापन भी नहीं कराया। 20 सितंबर 2011 में प्रावधानों का पालन न करते हुए चिकित्सा के 80 हजार रुपये का अग्रिम भुगतान किया।

कोटेशन में शामिल न होने वाली फर्म को कार्य आवंटित कर दिया। जिसमें 2,89,337 व 63,500 रुपये की अनियमितता पायी गई। 31 मार्च 2018 को 32,11,060 रुपये कर्मचारियों, अधिकारियों व अन्य पर भारी राशि अग्रिम भुगतान कर दिया।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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