छत्तीसगढ़ में संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी आईएएस अफसरों की कार्यप्रणाली से परेशान हैं। इन संविदाकर्मियों ने इसके विरोध में हड़ताल पर जाने का निश्चय किया है। जानकारी के मुताबिक, ये सभी कर्मी राज्य के सरकारी विभागों में संविदा पर काम करते हैं। 13 मई को प्रदेश भर के संविदाकर्मियों ने काम बंद करने का फैसला किया है। ये सभी कर्मचारी राजधानी रायपुर में इकट्ठे होकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। संविदा कर्मचारी संगठन ने राज्य के सभी कर्मचारियों से इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया है। ये सभी कर्मी अपने नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेश तिवारी के मुताबिक, प्रदेश के 54 सरकारी विभागों में करीब 45 हजार संविदाकर्मी तैनात हैं। शुक्रवार को ये सभी 45 हजार कर्मचारी हड़ताल करेंगे। प्रदेश भर से बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
महासंघ से जुड़े पदाधिकारी हेमंत सिन्हा ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि साल 2018 में सरकार ने वादा किया था कि संविदाकर्मिचारियों को नियमित कर दिया जाएगा। इसके बाद जब सरकार ने इसको लेकर कुछ नहीं किया तो कई बार विरोध प्रदर्शन किया गया। इसके बाद अफसरों ने 2019 में नियमित करने को लेकर कमेटी बना दी। तबसे लेकर अब तक हर साल बस कमेटी बना दी जाती है, होता कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि इस बार हमारी मांग है कि अब तक की सारी कमेटियों की सिफारिश रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए हम सबको नियमित किया जाए।
संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि भूपेश बघेल को सत्ता में आए चार साल होने वाले हैं, लेकिन उनके किये वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। जब वो सत्ता में आए थे तब उन्होंने कहा था कि सभी संविदाकर्मियों को नियमित किया जाएगा, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है। इसको लेकर राज्य के सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों में नारागजी है। उनकी मांगों को कहीं सुना नहीं जा रहा है, वे मजबूर होकर आंदोलन करने पर मजबूर हैं।