दिल्ली में शरणार्थियों के प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शरणार्थियों को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने गैर कानूनी तरीके से हमारे देश में घुसपैठ की। इनकी इतनी हिम्मत हो गयी कि हमारे देश में प्रदर्शन कर रहे हैं, हुडदंग कर रहे हैं।
दिल्ली सीएम ने लिखा, ‘इन पाकिस्तानियों की हिम्मत? पहले हमारे देश में गैर कानूनी तरीके से घुसपैठ की, हमारे देश का कानून तोड़ा। इन्हें जेल में होना चाहिए था। इनकी इतनी हिम्मत हो गई कि हमारे देश में प्रदर्शन कर रहे हैं, हुडदंग कर रहे हैं। सीएए आने के बाद पूरे देश में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी फैल जाएंगे और लोगों को परेशान करेंगे। भाजपा इन्हें अपना वोट बैंक बनाने के स्वार्थ में पूरे देश को परेशानी में धकेल रही है।’
इससे पहले गुरुवार को केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इससे भारी संख्या में पड़ोसी देशों से घुसपैठिए भारत आएंगे। मैंने बताया था कि सीएए कैसे खतरनाक है। बाहर से लोगों को लेकर उन्हें राशन कार्ड दिया जाएगा। हमारे लोगों को तो नौकरी मिल नहीं रही है, बाहर से आने वालों को कहां से देंगे। यह देश के लिए खतरनाक है।
वहीं, मुख्यमंत्री ने बुधवार को दावा किया था कि सीएए से कानून-व्यवस्था चरमरा जाएगी और इसके बाद चोरी, डकैती और दुष्कर्म के मामलों में वृद्धि होगी। जिसके बाद गुरुवार को हिंदू शरणार्थियों ने सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन किया है।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
नागरिकता संशोधन विधेयक से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है।
नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 9 दिसंबर 2019 को ही विधेयक सदन से पारित हो गया। 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था।
नए कानून में क्या प्रावधान हैं?
नागरिकता अधिनियम में देशीयकरण द्वारा नागरिकता का प्रावधान किया गया है। आवेदक को पिछले 12 महीनों के दौरान और पिछले 14 वर्षों में से आखिरी साल 11 महीने भारत में रहना चाहिए। कानून में छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) और तीन देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान) से संबंधित व्यक्तियों के लिए 11 वर्ष की जगह छह वर्ष तक का समय है।
कानून में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।