रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी जापान यात्रा के दौरान पीएम फुमियो किशिदा से टोक्यो में मुलाकात की। नेता द्वय ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों की नीतियों और हितों के घनिष्ठ समन्वय पर जोर दिया।
2+2 वार्ता के बाद की पीएम से मुलाकात
सिंह और जयशंकर ने गुरुवार को जापान के अपने समकक्षों विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा और रक्षा मंत्री हमदा यासुकाजू के साथ 2+2 वार्ता में भाग लिया। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘हमारी 2+2 बैठक के समापन पर पीएम फुमियो किशिदा से मुलाकात कर खुशी हुई।‘ उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उन्होंने और पीएम किशिदा ने जो विजन व्यक्त किया है, वह जल्द ही साकार हो जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में भारत-जापान साझेदारी की निर्णायक भूमिका होगी। सिंह ने किशिदा से मुलाकात के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के दुखद निधन पर भी अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। आबे की 8 जुलाई को एक राजनीतिक अभियान के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी।
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि क्षेत्र में शांति व स्थिरता कायम रखने के लिए भारत व जापान को निर्णायक भूमिका अदा करना होगी। दूसरी 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता की सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच ‘लड़ाकू अभ्यास‘ आयोजित करने पर सहमति बन गई। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जापानी उद्योगों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जहां सरकार द्वारा बनाए गए रक्षा उद्योग के विकास के लिए अनुकूल वातावरण है।
रक्षा सहयोग व क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की गई : राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने हमदा से मुलाकात के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमदा के साथ द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा सहयोग व क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। इस साल दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और जापान एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी का अनुसरण करते हैं।
राजनाथ सिंह ने शिंजो आबे के निधन पर दुख व्यक्त किया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के दुखद निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। भारत-जापान संबंधों को ऊपर उठाने में उनका योगदान महत्वपूर्ण था। जापान के लोगों के साथ भारत एकजुटता के साथ खड़ा है क्योंकि वे इस नुकसान से उबर चुके हैं।
भारत-जापान साझेदारी का महत्व ऐतिहासिक: जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-जापान साझेदारी लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के सम्मान के हमारे साझा मूल्यों में निहित है। हाल के वर्षों में हमारे हालिया द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों में परिलक्षित संबंधों के रणनीतिक पहलुओं ने नए अर्थ प्राप्त किए हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमने हाल के दिनों में बहुत गंभीर घटनाक्रम देखा है, खासकर 2019 में हमारी पिछली बैठक के बाद से कोरोना महामारी और चल रहे संघर्षों की मांग है कि हम इन नई चुनौतियों का समाधान करें। ऊर्जा सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा विशेष रूप से दबाव वाले मुद्दों के रूप में उभरे हैं।
राजनाथ सिंह ने टोक्यो में दी शहीदों को श्रद्धांजलि
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टोक्यो में ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले जापान के आत्मरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद राजनाथ सिंह अपने समकक्ष यासुकाजु हमादा से मुलाकात करेंगे।
जापान ने की थी भारत में निवेश की घोषणा
इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भारत-जापान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा की थी। इसके करीब पांच महीने बाद ‘टू प्लस टू’ संवाद आयोजित किया है। नई दिल्ली में शिखर वार्ता के दौरान, किशिदा ने भारत में अगले पांच वर्ष तक 3,20,000 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी। जापान के साथ भारत ने 2019 में ‘टू प्लस टू’ संवाद की शुरुआत की थी। भारत कुछ देशों के साथ ही ‘टू प्लस टू’ संवाद आयोजित करता है जिसमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और रूस शामिल हैं।