चंदौली, 5 मार्च 2025, बुधवार। पीडीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। चंदौली में सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल की डिपार्टमेंटल परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़ा करने के आरोप में सीबीआई ने 26 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में रेलवे के डीडीयू मंडल के दो अधिकारी सीनियर डीईई (परिचालन) सुशांत परासर, सीनियर डीपीओ सुरजीत सिंह, 17 लोको पायलट समेत 26 लोग शामिल हैं।
रेलवे प्रमोशन परीक्षा का पेपर लीक! दो अफसर, 17 लोको पायलट समेत 26 गिरफ्तार, 1 करोड़ कैश बरामद… चंदौली में CBI का बड़ा एक्शन pic.twitter.com/NxnnMuMJ8X
बता दें, चंदौली के डीडीयू (दीन दयाल उपाध्याय) मंडल में परीक्षा से पहले रेलवे का पेपर लीक हो गया। जिन अफसरों ने लोको पायलट प्रमोशन परीक्षा के पेपर बनाए थे, उन्होंने ही 6 से 9 लाख रुपए लेकर अभ्यर्थियों को दे दिए। इसकी सूचना सीबीआई को मिल गई। आरोपियों को संदेह न हो इसलिए सीबीआई टीम बुलेट बाइक से छापेमारी करने पहुंची। आरोपियों से परीक्षा के पेपर और 1.17 करोड़ रुपए बरामद हुए हैं। सीबीआई टीम सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए लखनऊ ले गई।
खबरों के मुताबिक, नगर स्थित रेलवे इंटर कॉलेज में मंगलवार को मुख्य लोको निरीक्षक के 17 पदों के लिए विभागीय परीक्षा होनी थी। परीक्षा में शामिल होने वाले 19 लोको पायलटों को नगर के कालीमहाल स्थित एक लॉन के अलावा सिद्धार्थपुर कॉलोनी स्थित रेलकर्मियों के घर ठहराया गया था। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन लोको पायलटों से प्रमोशन के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा के प्रश्न उपलब्ध कराने के नाम पर 6 से 9 लाख रुपये की रकम वसूली गई थी।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, डीडीयू रेल मंडल में तैनात एक लोको पायलट ने प्रमोशन के लिए आयोजित परीक्षा पास कराने के नाम पर रुपये मांगे जाने की शिकायत सीबीआई से की थी। मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने पहले पूरे मामले की पड़ताल की। इसके बाद संदिग्ध रेलकर्मियों के घरों की रेकी की। सारे साक्ष्य एकत्र करने के बाद सोमवार को दिन में एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी की। सीबीआई ने डीआरएम कार्यालय में तैनात संदिग्ध रेलकर्मियों को घरों में नजरबंद कर दिया। घंटों चली पूछताछ के बाद सीबीआई ने रात में सिद्धार्थपुर कॉलोनी स्थित रेलकर्मियों के साथ-साथ कालीमहाल स्थित एक लॉन में ठहरे 17 लोको पायलटों को धर दबोचा। इसके बाद टीम ने रेलकर्मी संजय मिश्रा, नीरज वर्मा, अजीत सिंह, राकेश कुमार, अनीश कुमार के साथ सीनियर डीईई (परिचालन) सुशांत परासर, सीनियर डीपीओ सुरजीत सिंह को उठाकर अपने साथ ले गई।
इस संदर्भ में जब सीबीआई के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बात करने और किसी भी तरह की जानकारी शेयर करने से साफ-साफ इनकार कर दिया। हालांकि, बाद में सीबीआई की ओर से प्रेस नोट जारी कर डिटेल दी गई। पकड़े गए आरोपियों के पास से परीक्षा के पेपर भी बरामद हुए हैं। इस कार्रवाई से पूरे रेल मंडल में हड़कंप मच गया। बता दें, विभागीय प्रमोशन के लिए भारतीय रेलवे में अलग-अलग परीक्षाएं कराई जाती हैं। रेलवे की जो प्रमोशनल परीक्षा के पेपर लीक का मामला सामने आया है वह परीक्षा लोको पायलट से लोको इंस्पेक्टर बनने के लिए आयोजित की जानी थी। कोई भी लोको पायलट अगर 10 साल तक लोको पायलट की नौकरी कर लेता है या फिर 5 लाख किलोमीटर तक ट्रेन को चला लेता है तो इसके बाद वह लोको इंस्पेक्टर की परीक्षा के लिए एलिजिबल हो जाता है। इसी लोको इंस्पेक्टर की प्रमोशन परीक्षा 4 मार्च को पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल में होनी थी। लेकिन इससे पहले ही इस परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आ गया और सीबीआई ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए रेलवे के सीनियर ऑफिसर्स के साथ-साथ कुल 26 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।