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Friday, March 21, 2025

‘घुमंतू समाज के लिए न्याय की नई उम्मीद’ वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी के साथ बातचीत में रामदास अठावले का बड़ा एलान

नई दिल्ली, 5 मार्च 2025, बुधवार। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष और मंत्री रामदास अठावले ने विमुक्त, घुमंतू, अर्ध घुमंतू और जनजातीय समाज के उत्थान के लिए ठोस कदम उठाने का वादा किया है। उनका मकसद इन समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। यह पहल डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर की विचारधारा के अनुरूप है, जो समाज में वंचित वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध थे।
वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी से विशेष बातचीत के दौरान रामदास अठावले ने कहा सामाजिक कार्यकर्ता संजय मारूति कदम ने शास्त्री भवन में उनसे मुलाकात की और घुमंतू समाज की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर 12 हजार परिवारों के सर्वेक्षण फॉर्म और मांग पत्र सौंपे। इस पर उन्होंने (रामदास अठावले) मंत्रालय, प्रशासन और राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का भरोसा दिलाया। बता दें, संजय मारूति कदम ने 2017 में ‘विमुक्त, घुमंतू, अर्ध घुमंतू जनजाति जोड़ो अभियान’ की शुरुआत की थी। इस दौरान उन्होंने मोटरसाइकिल से देशभर के 22 राज्यों का दौरा कर लगभग 2.5 करोड़ घुमंतू परिवारों का सर्वेक्षण किया और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया।
गौरतलब है कि, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआइ) के प्रमुख रामदास अठावले ने, जब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में बतौर राज्यमंत्री चार्ज संभाला था, चार्ज संभालते ही उन्होंने कहा कि वह जल्द ही घूमंतू और विमुक्त जातियों को आरक्षण दिलाने की मांग तेज करेंगे। वहीं, रामदास आठवले की घोषणा से घुमंतू समाज को न्याय, शिक्षा, रोजगार और स्थायी निवास जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए नई उम्मीदें जगी हैं। सरकार के सहयोग और संजय मारूति कदम जैसे कार्यकर्ताओं के प्रयासों से यह अभियान घुमंतू समुदाय के लिए एक नई दिशा और उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ता दिख रहा है। यह घोषणा घुमंतू समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके जीवन में सुधार और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने में मदद करेगी।
अनिता चौधरी ने रामदास अठावले से कहा कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य अपराध न्याय प्रणाली में ‘सुनियोजित भेदभाव’ का अनुभव कर रहे हैं। बीजेपी नेता अक्सर मालेगांव में ‘अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों’ के होने के दावे करते रहते हैं। मालेगांव में आरएसएस के इशारे पर बीजेपी सरकार, मुस्लिमों को रेसिडेंशियल सर्टिफिकेट या जन्म प्रमाण पत्र नहीं दे रही है और उनको रोहिंग्या और बांग्लादेशी बता रही है। इस सवाल के जवाब देते हुए रामदास अठावले ने कहा कि मुझे लगता है कि मालेगांव में रहने वाले जो मुस्लिम है, उनमें ज्यादातर मुस्लिम अपने भारत के मुस्लिम है। लेकिन अगर कोई वहा बांग्लादेशी मुस्लिम या रोहंगिया मुस्लिम रहते होंगे, तो जरूर उनको वहा से निकालना चाहिए। रामदास अठावले ने सख्त लहजे में कहा कि जो इस देश का नागरिक नहीं उनको यहां रहने का अधिकार नहीं है। अठावले ने यह भी दावा किया कि सभी मुसलमानों के साथ ऐसा किया जा रहा है, इस आरोप में बिल्कुल सत्यता नहीं है।
उत्तराखंड में धामी सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता कानून लागू करने को लेकर अब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने धामी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। इस सवाल के जवाब देते हुए रामदास अठावले ने कहा कि समान नागरिक कानून मुस्लिम के विरोध में नहीं है। कहा कि इससे ‘समानता’ आएगी। अठावले ने कहा, यह संहिता किसी संप्रदाय या धर्म के खिलाफ नहीं है। इसके जरिए समाज में फैली कुरीतियों से मुक्ति पाने का रास्ता निकाला गया है। भारत में विवाह, तलाक और उत्तराधिकार से संबंधित कानूनों के स्थान पर समान नागरिक संहिता लागू करना भाजपा का दीर्घकालिक लक्ष्य रहा है। क्रिकेटर रोहित शर्मा पर कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद के बयान पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अनिता चौधरी से विशेष बातचीत में कहा कि पहले कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि राजनीति में राहुल गांधी का वजन क्यों घट रहा है।

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