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Saturday, May 4, 2024

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने पंजाब सरकार के नए बिल को दी मंजूरी,कई लोगों को मिला संपत्ति का अधिकार

पंजाब सरकार के एक बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। जिसके बाद यह कानून बन गया है। इस नए कानून के तहत राज्य के 11,200 से ज्यादा लोगों को संपत्ति का अधिकार मिल गया है। बता दें कि राज्य की चार हजार एकड़ जमीन पर बसे 11200 लोगों को उचित मुआवजे के भुगतान के बाद संपत्ति का अधिकार मिल जाएगा। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तेलंगाना सरकार के एक बिल को भी अपनी मंजूरी दे दी है। इस नए कानून के लागू होने के बाद अपराधियों के जमानतियों की मुश्किल बढ़ जाएगी।

पंजाब के लोगों को मिला संपत्ति अधिकार

बता दें कि पंजाब में भोंदेदार, बुटेमार, दोहलीदार, इंसार मियादी, मुकर्ररिदार, मुंधिमार, पनाही कदीम, सौंजीदार, तारदकार समुदायों को संपत्ति अधिकार मिल गया है। इन वर्गों के लोग कई पीढ़ियों से राज्य की करीब चार हजार एकड़ जमीन पर काबिज थे। अब उचित मुआवजे के भुगतान के बाद इन लोगों को जमीन का मालिकाना हक दे दिया जाएगा। इस बिल को साल 2020 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय में पंजाब विधानसभा में पास कराया गया था। अब आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी इस बिल को मंजूरी दे दी थी तो उसे राष्ट्रपति के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा था। जहां से अब मंजूरी मिल गई है।

इस कानून का फायदा ये होगा कि छोटी जमीन के ये काश्तकार भी सशक्त होंगे और आर्थिक और सामाजिक रूप से उन्हें ताकत मिलेगी। अभी तक ये लोग पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी जमीन को अपने आने वाली संतानों को देते आ रहे थे लेकिन वह इस जमीन पर लोन नहीं ले सकते थे लेकिन अब नया कानून लागू होने के बाद ये लोग भी सामान्य लोगों की तरह अपनी जमीन पर बैंक से लोन ले सकेंगे।

तेलंगाना का नया कानून क्या है?

तेलंगाना की के चंद्रशेखर राव सरकार ने द कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर (तेलंगाना संशोधन बिल) बिल, 2020 पेश किया था। अब इसे भी राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। नए कानून के तहत गंभीर आरोप में जेल में बंद आरोपी की जमानत के लिए जमानती अगर समय पर आरोपी को कोर्ट में पेश नहीं करता है तो उस पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। राज्य स्तरीय न्याययिक अधिकारियों से चर्चा के बाद साल 2016 में इस पर सहमति बनी थी।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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