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Friday, May 17, 2024

देहरादून में डीएवी पीजी कॉलेज के शिक्षकों की नेतागिरी पर प्रिंसिपल ने रोक लगा दी

देहरादून में डीएवी पीजी कॉलेज के शिक्षकों की नेतागिरी पर प्रिंसिपल ने रोक लगा दी है। कांग्रेस, भाजपा, एबीवीपी जैसे संगठनों और धार्मिक संगठनों से जुड़े शिक्षकों को 26 नवंबर तक इस्तीफा देना होगा। साथ ही कॉलेज में यह घोषणापत्र जमा कराना होगा कि वह किसी भी राजनीतिक या धार्मिक संगठन से नहीं जुड़े हैं।

प्रदेश की मुख्य धारा की राजनीति हो या छात्र राजनीति, डीएवी कॉलेज की सहभागिता दोनों में रहती है। एक ओर जहां कॉलेज से पासआउट छात्रों ने मुख्य धारा तक की राजनीति में नए आयाम छुए हैं तो वहीं कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षकों ने विधानसभा तक के चुुनाव लड़े हैं। कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. देवेंद्र भसीन खुद भाजपा में पदाधिकारी रह चुके हैं।

लेकिन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केआर जैन ने बुधवार को एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सभी शिक्षकों को इस बात की शपथ लिखित में लेनी होगी कि वह किसी भी राजनीतिक या धार्मिक संगठन से नहीं जुड़े हैं। यह शपथ उन्हें 26 नवंबर तक लेनी होगी। इसके बाद अगर कोई भी शिक्षक किसी संगठन में सक्रिय पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

कौन शिक्षक किस संगठन में

डॉ. कौशल कुमार- राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, एबीवीपी

डॉ. डीके शाही – राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, एबीवीपी

डॉ. हरिओम – नगर अध्यक्ष, एबीवीपी(इस्तीफा दिया लेकिन अभी स्वीकार नहीं हुआ)

डॉ. पुष्पेंद्र शर्मा- प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, एबीवीपी

डॉ. शशि किरण सोलंकी- नगर उपाध्यक्ष, एबीवीपी

डॉ. प्रदीप जोशी- प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ

डॉ. जसविंदर गोगी- महानगर कार्यवाहक अध्यक्ष, कांग्रेस

डॉ. आरके पाठक- प्रदेश सचिव, समाजवादी पार्टी

डॉ. राम विनय- संस्कृत आयाम प्रमुख, एबीवीपी

डॉ. एसी बाजपेई- सदस्य, एबीवीपी

डॉ. जेबीएस रौथाण- नगर कार्यकारिणी सदस्य, एबीवीपी

डॉ. डीके त्यागी- वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कांग्रेस बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ

शिक्षक, छात्रों के साथ मिलकर कर रहे माहौल खराब

डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केआर जैन ने कहा कि कॉलेज के कुछ शिक्षक छात्रों को भड़का रहे हैं। इससे कॉलेज का माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि कॉलेज की गरिमा को भी ठेस पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि यह मामला बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में रखा गया था। इस पर बोर्ड की मुहर लगने के बाद ही उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को इस संबंध में पत्र भेजा है। उन्हें 26 तक शपथ के साथ पूरा आंकड़ा वापस प्रिंसिपल ऑफिस में जमा कराना है।

शिक्षकों में हड़कंप

प्राचार्य के आदेश के बाद छात्र संगठन राजनीति या मुख्य धारा राजनीति से जुड़े शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। अंदरखाने इस आदेश का विरोध शुरू हो गया है। शिक्षकों को कहना है कि पूर्व में कभी प्रबंधन ने इस तरह की रोक नहीं लगाई। इसी प्रबंधन के डीएवी इंटर कॉलेज व डीबीएस पीजी कॉलेज के भी कई शिक्षक विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए हैं लेकिन डीएवी में विशेषतौर पर यह रोक लगाई गई है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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