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Saturday, May 4, 2024

अयोध्या में 100 करोड़ से अधिक की लागत से मंदिर निर्माण की तैयारी

भगवान ऋषभ देव की जन्मस्थली अयोध्या का विकास हस्तिनापुर के जंबू द्वीप की तर्ज पर होगा। जंबू द्वीप से जुड़ीं ज्ञानमती माता जी के निर्देशन में दिगंबर जैन अयोध्या तीर्थ क्षेत्र कमेटी इस पर कार्य कर रही है। 100 करोड़ से अधिक की लागत से मंदिर निर्माण की तैयारी है। लखनऊ के आर्किटेक्ट मंदिर का मास्टर प्लान तैयार कर रहे हैं।

दिगंबर जैन अयोध्या तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष पीठाधीश स्वामी रविंद्र कीर्ति जी महाराज ने बताया कि ज्ञानमती माता जी वर्ष 1995 से अयोध्या के विकास के लिए कार्य कर रही हैं। नौ मंदिरों का अयोध्या में निर्माण किया जा चुका है। अब अंतिम चरण में आदिनाथ तीर्थंकर ऋषभ देव भगवान की जन्मस्थली का विकास कार्य प्रगति पर है।

समिति के सचिव डॉ. जीवन प्रकाश ने बताया कि भगवान श्रीराम के मंदिर से एक किलोमीटर की दूरी पर मंदिर का निर्माण किया जाएगा। होली के आसपास कार्य आरंभ होने की संभावना है। मनोज जैन के मुताबिक जैन तीर्थ को विकसित करने में केंद्र सरकार पांच एकड़ भूमि देने की तैयारी कर रही है। जल्द ही प्रधानमंत्री इसकी घोषणा कर सकते हैं। जैन समाज के पास अभी सात एकड़ भूमि है।

जैन समाज का शास्वत तीर्थ अयोध्या
अयोध्या को जैन समाज का शास्वत तीर्थ माना जाता है। इस तीर्थ पर ही जैन समाज के 24 तीर्थंकर जन्म लेते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चतुर्थ काल में अयोध्या में पांच तीर्थंकरों ने जन्म लिया। इसमें आदिनाथ तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव, भगवान अजितनाथ, भगवान अभिनंदन नाथ, भगवान सुमतिनाथ, भगवान अनंतनाथ जी रहे। तीन तीर्थंकरों का जन्म हस्तिनापुर में हुआ। भगवान महावीर अंतिम तीर्थंकर माने जाते हैं। मंत्री मनोज जैन ने बताया कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर की खुदाई के दौरान भी जैन मंदिर से जुड़े अवशेष प्राप्त हुए थे।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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