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Friday, May 17, 2024

मुख्तार अंसारी की मौत पर सियासी बवाल शुरू, पूर्व विधायक की मौत के बाद यूपी में लागू हुआ धारा 144

बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता और डॉन मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। मेडिकल कॉलेज बांदा ने उसकी मौत की पुष्टि की है। पूरे यूपी में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। मऊ, गाजीपुर और बांदा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, अंसारी की मौत पर सियासी बवाल मच गया है।  बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेडी), कांग्रेस से लेकर एआईएमआईएम तक ने यूपी के पूर्व विधायक की मौत को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती, आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार की मौत को निंदनीय और अफसोसजनक बताया।

यह है मामला
दरअसल, दो दिन पहले जब मुख्तार की हालत बिगड़ने पर उसे जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया था, तभी उसके भाई अफजाल और बेटे उमर अब्बास ने मौत की आशंका जताई थी। जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए था। अफजाल ने तो यह तक कहा था कि उसके भाई को जेल में जहर दिया जा रहा है। 63 साल का अंसारी मऊ सदर से पांच बार विधायक रहा था। वहीं साल 2005 से उत्तर प्रदेश और पंजाब में सलाखों के पीछे था। उसके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे। 

उच्च-स्तरीय जांच जरूरी: मायावती
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा, ‘मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकाएं व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुखी होना स्वाभाविक है। कुदरत उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति दे।’

हर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा, ‘हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या कैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।’

उन्होंने आगे कहा, ‘थाने में बंद रहने के दौरान, जेल के अंदर आपसी झगड़े में, ⁠जेल के अंदर बीमार होने पर, न्यायालय ले जाते समय, ⁠अस्पताल ले जाते समय, ⁠अस्पताल में इलाज के दौरान, ⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर, ⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर, ⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर आदि ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए।’

अखिलेश यादव ने आगे कहा, ‘सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह गैर कानूनी हैं। जो हुकूमत जिंदगी की हिफाजत न कर पाए उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।’

तेजस्वी यादव ने जताया दुख
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अंसारी की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत का दुखद समाचार मिला। हम भगवान से प्रार्थना करेंगे कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।’

गंभीरता से नहीं लिया मुख्तार के आरोपों को
तेजस्वी यादव ने आगे कहा, ‘कुछ दिन पहले उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है, फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रथम दृष्टया, यह उचित और मानवीय नहीं लगता है। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे अजीब मामलों और घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।’

गाजीपुर के लोगों ने अपना बेटा खो दिया: एआईएमआईएम प्रमुख
वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अंसारी के भाई द्वारा लगाए गए आरोपों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘गाजीपुर के लोगों ने अपना पसंदीदा बेटा और भाई खो दिया। मुख्तार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्हें जहर दिया गया है। इसके बावजूद सरकार ने उनके इलाज पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह वाकई निंदनीय और अफसोसजनक है।

कानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा: पप्पू यादव
हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अंसारी की मौत को ‘संस्थागत हत्या’ करार दिया और मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग की। उन्होंने कहा, ‘पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की सांस्थानिक हत्या। कानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इसका स्वतः संज्ञान लें! उनके दिशा-निर्देश में निष्पक्ष जांच हो। कई दिन से मुख्तार आरोप लगा रहे थे उन्हें जहर दिया जा रहा है। उनके सांसद भाई ने भी यह आरोप लगाया गया था। देश की संवैधानिक व्यवस्था के लिए अमिट कलंक!’

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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