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Monday, May 13, 2024

CAA लागू होने पर गरमाया सियासी माहौल, केजरीवाल आज CAA को लेकर करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस

केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लागू करने का नोटिफिकेशन लागू कर दिया है। इसी के साथ ही अब देशभर में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है। जिसके बाद सियासत गरमाई हुई है। केंद्र सरकार के इस फैसले को आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि ये वोट बैंक बनाने का खेल है, भाजपा वोट बैंक की राजनीति कर रही है।

मुख्यमंत्री ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ये अपने देश हक पाकिस्तानियों को दे रहे हैं। सीएए से उत्तर पूर्व के राज्यों को ज्यादा नुकसान होगा। दूसरे देश बाहरी लोगों को आने से रोकते हैं। भाजपा चुनावी फायदे के लिए सीएए लाई है। भाजपा अपना वोट बैंक तैयार कर रही है। देश की मांग है कि सीएए को वापस लिया जाए। देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। अगर भाजपा ने 10 साल में काम किया होता तो इन्हें चुनाव से पहले सीएए लाने की जरूरत नहीं पड़ती। सीएए में बांग्लदेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान के लगभग 2.5 करोड़ से तीन करोड़ अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी। भारत में महंगाई ने कमर तोड़ दी है, बेरोज़गारी चरम पर है, युवा नौकरी के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘यह सीएए क्या है? केंद्र की बीजेपी सरकार का कहना है कि अगर तीन देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक भारतीय नागरिकता लेना चाहेंगे तो उन्हें भी नागरिकता दी जाएगी। इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में लोग अल्पसंख्यकों को हमारे देश में लाया जाएगा। उन्हें नौकरियां दी जाएंगी और उनके लिए घर बनाए जाएंगे। भाजपा हमारे बच्चों को नौकरी नहीं दे सकती लेकिन वे पाकिस्तान से आए बच्चों को नौकरी देना चाहते हैं। हमारे कई लोग बेघर हैं लेकिन भाजपा पाकिस्तान से आए लोगों को यहां बसाना चाहती है। वे हमारी नौकरियां अनके बच्चों को देना चाहते हैं। वे पाकिस्तानियों को हमारे सही घरों में बसाना चाहते हैं। भारत सरकार का जो पैसा है, उसका उपयोग हमारे परिवारों और देश के विकास के लिए किया जाना चाहिए। इसका उपयोग पाकिस्तानियों को बसाने के लिए किया जाएगा।’

केजरीवाल ने कहा कि हम किसी हालत में अपने बच्चों के रोजगार दूसरे देश के लोगों को नहीं लेने देंगे। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। अगर ये इसे वापस नहीं लेते हैं, तो इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट करके आप अपना गुस्सा जाहिर कीजिए। अपने बच्चों के लिए तो रोजगार है नहीं और पाकिस्तानियों को बुलाकर रोजगार देना चाहते हो, ये बात मेरी तो समझ से परे है। भारत पूरी दुनिया से उल्टा चल रहा है। पूरी दुनिया में दूसरे देश के गरीब लोगों को आने से रोका जा रहा है, हम अपने दरवाजे उनके लिए खोल रहे हैं। जो भारत छाड़कर चले गए, उन कारोबारियों को वापस लाएं ना, ताकि नई फैक्ट्रियां खुलें और अपने बच्चों को रोजगार मिले।

भाजपा ने बोला हमला
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल सीएए पर असदुददीन ओवैसी, ममता बनर्जी और राहुल गांधी की भाषा बोल रहे हैं। उन्होने हिन्दू, सिख, बौध, ईसाई आदि शरणार्थियों के सम्मान को ठेस पहुंचाई है। केजरीवाल ने साबित कर दिया की वह कल भी हिन्दू, सिख, बौध विरोधी थे आज भी हैं और कल भी रहेंगे। सीएए सभी जरूरतमंदों को, जेहादियों द्वारा प्रताड़ितों को आश्रय देने का कानून है यह किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा।

क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
नागरिकता संशोधन विधेयक से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है। 

नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 9 दिसंबर 2019 को ही विधेयक सदन से पारित हो गया। 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था।

नए कानून में क्या प्रावधान हैं? 
नागरिकता अधिनियम में देशीयकरण द्वारा नागरिकता का प्रावधान किया गया है। आवेदक को पिछले 12 महीनों के दौरान और पिछले 14 वर्षों में से आखिरी साल 11 महीने भारत में रहना चाहिए। कानून में छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) और तीन देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान) से संबंधित व्यक्तियों के लिए 11 वर्ष की जगह छह वर्ष तक का समय है। 

कानून में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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