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Saturday, May 18, 2024

शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे

उज्बेकिस्तान में आज से शुरू होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। यूक्रेन जंग छिड़ने के बाद दोनों की आमने-सामने की यह पहली बैठक होगी।

इस दौरान रणनीतिक स्थायित्व, एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, संयुक्त राष्ट्र और जी-20 देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक से पहले क्रेमलिन ने यह जानकारी दी है। दोनों नेता की मुलाकात समरकंद में 15-16 सितंबर तक आयोजित होने वाले एससीओ राष्ट्राध्यक्षों के 22वें सम्मेलन के इतर होगी। रूसी सरकारी समाचार एजेंसी तास ने राष्ट्रपति के सहायक अधिकारी यूरी उशाकोव के हवाले से बताया, इस मुलाकात में वैश्विक एजेंडे पर भी मोदी के साथ बातचीत होगी। दोनों पक्ष रणनीतिक स्थायित्व, एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और संयुक्त राष्ट्र, जी-20 समेत जैसे बड़े बहुपक्षीय संगठनों में द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

उशाकोव ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, यह वार्ता खासतौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष होगा और 2023 में एससीओ का नेतृत्व करने के अलावा जी-20 समूह का भी अध्यक्ष होगा। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने फिलहाल मोदी-पुतिन के बीच बैठक की पुष्टि नहीं की है। रविवार को मंत्रालय ने पीएम के दौरे की घोषणा कर कहा था कि वह एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर कुछ द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा ले सकते हैं। इससे पहले, पुतिन और मोदी ने एक जुलाई को फोन पर बात की थी। इस दौरान उन्होंने दिसंबर 2021 दौरे के दौरान लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। यूक्रेन पर हमले के बाद भी 24 फरवरी को मोदी और पुतिन के बीच बात हुई थी।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समरकंद में विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोजेव के साथ उनकी अलग से बैठक होनी है। इस दौरान द्विपक्षीय रिश्तों पर बातचीत होगी। उज्बेकिस्तान में भारतीय राजदूत मनीष प्रभात ने बताया कि एससीओ देशों के बीच आर्थिक सहयोग महत्वपूर्ण है।

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने बुधवार को कहा कि एससीओ की बैठक में भाग लेने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी जाएंगे। यह दोनों देशों के लिए अपने रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलाने और आपसी मतभेद दूर करने का मौका है।

एक बयान में हुर्रियत ने कहा, भारत-पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों को समरकंद में एक-दूसरे से बातचीत कर सभी मतभेद सुलझाने चाहिए और कश्मीर विवाद समेत सभी लंबित मुद्दों के समाधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। संगठन कहता रहा है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति और इसे दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बनाने के बाद हालात बिगड़े हैं। यह सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई, जेल भेजे गए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, युवाओं और पत्रकारों को छोड़ने की मांग उठाता रहा है। इसकी मांग अगस्त 2019 से घर में रोके गए अपने चेयरमैन मीरवाइज उमर फारुक को रिहा करने की भी है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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