प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की आज 135वीं जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित नेहरू को याद किया। मोदी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के अन्य नेता पंडित नेहरू के समाधि स्थल शांति वन पहुंचे और पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में भी अपने परदादा पंडित नेहरू को याद किया। उन्होंने पंडित नेहरू के एक वाक्य को लिखते हुए कहा कि ‘दुनिया में जितनी भी बुराइयां हैं, डर उन सबकी बुनियाद है।’ दशकों के संघर्ष और असंख्य कुर्बानियों के बदले जब हमने आजादी हासिल की, तब भी ऐसे लोग थे जो भोली-भाली जनता को डराने और बहकाने की सियासत करते थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने डटकर उनका मुकाबला किया।
प्रियंका गांधी ने लिखा कि ‘जनता में डर फैलाने वाले लोग जनता के सच्चे प्रतिनिधि नहीं हो सकते। जनसेवक सीना तानकर सबसे आगे खड़े होते हैं ताकि लोग निडर होकर जी सकें। पंडित नेहरू जी ने जनता को हमेशा निडरता और नि:स्वार्थ सेवा की सीख दी तो दूसरी तरफ राष्ट्र निर्माण के हर पड़ाव पर जनता को सर्वोपरि रखा।’
#WATCH | Delhi: Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra and other party leaders pay tribute to former PM Jawaharlal Nehru at Shanti Van on the occassion of his 135th birth anniversary. pic.twitter.com/ZBtAfrm6hq
पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित नेहरू को बच्चों से बेहद प्यार था और वे बच्चों को भारत का भविष्य मानते थे। पहले बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन पंडित नेहरू के निधन के बाद उनकी जयंती 14 नवंबर को देशभर में बाल दिवस मनाया जाने लगा। यह दिन बच्चों के अधिकारों, उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूकता का प्रतीक है।
राहुल गांधी ने भी दी श्रद्धांजलि कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी पंडित नेहरू की जयंती पर उन्हें याद किया। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘आधुनिक भारत के जनक, संस्थानों के निर्माता, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू जी को उनकी जयंती पर सादर नमन। लोकतांत्रिक, प्रगतिशील, निडर, दूरदर्शी, समावेशी – ‘हिंद के जवाहर’ के यही मूल्य हमारे आदर्श और हिंदुस्तान के आधारस्तम्भ हैं और हमेशा रहेंगे।’