प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को झारखंड में 35,700 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने धनबाद जिले के सिंदरी में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का 8,900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया। इस संयंत्र से देश में प्रति वर्ष लगभग 12.7 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) स्वदेशी यूरिया उत्पादन बढ़ेगा जिससे देश के किसानों को लाभ होगा।
गोरखपुर और रामागुंडम में उर्वरक संयंत्रों के कायाकल्प के बाद यह देश में दोबारा चालू होने वाला तीसरा उर्वरक संयंत्र है। प्रधानमंत्री ने गोरखपुर में उर्वरक संयंत्रों को दिसंबर 2021 और रामागुंडम में उर्वरक संयंत्रों को नवंबर 2022 में राष्ट्र को समर्पित किया था। पीएम मोदी ने झारखंड में 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की रेल, बिजली और कोयला परियोजनाओं की भी शुरुआत की। इसमें देवघर-डिब्रूगढ़ ट्रेन सेवा, टाटानगर और बादामपहाड़ के बीच मेमू ट्रेन सेवा (दैनिक) और शिवपुर स्टेशन से लंबी दूरी की मालगाड़ी शामिल है।
इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज यहां सिंदरी उर्वरक कारखाने का लोकार्पण किया गया है। मैंने संकल्प लिया था कि सिंदरी के इस खास कारखाने को जरूर शुरू करवाउंगा। ये मोदी की गारंटी थी और आज ये गारंटी पूरी हुई है। मैं 2018 में इस फर्टिलाइजर प्लांट का शिलान्यास करने आया था। आज सिर्फ सिंदरी कारखाने की ही शुरुआत नहीं हुई है, बल्कि रोजगार के हजारों नए अवसरों की भी शुरुआत हुई है।
आत्मनिर्भर होने की तरफ बढ़ रहा भारत’
उन्होंने कहा कि भारत तेजी से यूरिया के मामले में आत्मनिर्भर होने की तरफ बढ़ रहा है। इससे ना सिर्फ विदेशी मुद्रा की बचत होगी, बल्कि वो पैसा किसानों के हित में खर्च हो सकेगा। बीते 10 वर्षों में हमने जनजातीय समाज, गरीबों, युवाओं और महिलाओं को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाकर झारखंड के लिए काम किया है।
सिंदरी उर्वरक संयंत्र के बारे में जानिए
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का सिंदरी उर्वरक संयंत्र को 8900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। यह यूरिया क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है। इससे पहले प्रधानमंत्री विमान से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर पहुंचे और वहां से हेलीकॉप्टर से धनबाद आए।