हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रानीताल में मानवता को शर्मसाार करने वाला मामला सामने आया है। कोरोना संक्रमित महिला की मौत के बाद उसे कंधा देने के लिए कोई भी आगे नहीं आया। हिम्मत जुटाकर मां के शव को बेटे ने अकेले कंधे पर उठाकर श्मशानघाट पहुंचाया और अंतिम संस्कार की रस्में पूरी कीं। कोरोना संक्रमित महिला भंगवार पंचायत की पूर्व प्रधान भी रह चुकी थीं और उन्होंने बीते दिन घर पर ही दम तोड़ दिया था। गांव से महिला के अंतिम संस्कार के लिए कोई भी आगे नहीं आया।
भंगवार पंचायत के प्रधान सूरम सिंह ने बताया कि वह बीमार थे इसलिए वह खुद उनके घर नहीं जा सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन से पीपीई किट मंगवाई लेकिन मृतका के बेटे वीर सिंह ने कहा कि मेरे रिश्तेदार पीपीई किट लेकर आ रहे हैं आप रहने दीजिए। सूरम सिंह ने कहा कि शव को उठाने के लिए दो ट्रैक्टर वालों से भी बात की लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
परिवार की गांव के कुछ लोगों ने मदद की है और वो लकड़ियां काटने के लिए जंगल में चले गए थे। वीर सिंह ने शव को अकेले ले जाने का निर्णय लेने में बहुत ही जल्दबाजी की उसने मुझे इस बारे में नहीं बताया कि शव को कोई कंधा नहीं दे रहा। अगर ऐसा था तो हम कुछ करते।
कंधे पर शव ले जाने के मामले में पंचायत बोली, सूचना नहीं थी
कोरोना संक्रमित महिला को बेटे की ओर से कंधे पर रखकर श्मशानघाट ले जाने के मामले में पंचायत सफाई देते हुए कहा है कि उन्हें इसके बारे में सूचित नहीं किया गया था। इसलिए मृतका का बेटा अकेला ली उसे कंधे पर रखकर श्मशानघाट ले गया था। वहीं, गांव के लोगों का कहना है कि जब कोरोना संक्रमित महिला की मौत की जानकारी मिली तो करीब 10-15 लोगों ने लकड़ियां काटकर श्मशाघाट तक पहुंचाई और लकड़ी की चिता भी तैयार की थी।
उपमंडल कांगड़ा की भंगवार पंचायत में एक बेटे की ओर से मां के शव को कंधे पर उठाकर श्मशानघाट पहुंचाने के मामले में सोशल मीडिया में जहां प्रशासन की कार्यप्रणाली और ग्रामीणों की संवेदनाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं। भंगवार पंचायत के उपप्रधान राजीव कुमार का कहना है कि संबंधित परिवार की ओर से संक्रमित महिला की मौत की जानकारी उन्हें नहीं दी गई थी। जबकि लोगों ने संक्रमित महिला के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां इकट्ठा कर श्मशानघाट तक पहुंचाया था।
परिवार की जल्दबाजी के चलते संक्रमित महिला के शव को उनका पुत्र वीर सिंह अकेला ही उठाकर श्मशानघाट को चला गया था। करीब 11 बजे के आसपास संक्रमित महिला का अंतिम संस्कार कर दिया गया था, जबकि प्रशासन को सूचित करके और पूरी तैयारी करने के बाद अंतिम संस्कार हो सकता था। वीर सिंह ने किसी का इंतजार किए बगैर ही शव को उठाकर श्मशानघाट को ले गया और इसी दौरान किसी ने उसकी फोटो खींचकर फोटो सोशल मीडिया में डाल दी। उपप्रधान ने बताया कि शुक्रवार को उन्होंने पंचायत सचिव के साथ मिलकर महिला का घर, गांव और रास्ते को सैनिटाइज कर दिया है।