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Monday, May 20, 2024

पाकिस्तानी रक्षामंत्री बोले-जरदारी की सुरक्षा खतरे में, इमरान के दावे से हो सकता है खूनखराबा

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बारे में पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने नए दावे ने देश की सियासत में उथल-पुथल ला दी है। इस बीच देश के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि इमरान खाने के दावों से देश में खूनखराबा हो सकता है और पीपीपी के सह-अध्यक्ष की जान भी खतरे में पड़ सकती है

दरअसल, इमरान खान ने हाल ही में दावा किया था कि आसिफ अली जरदारी उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं और उन्होंने इसके लिए एक आतंकवादी संगठन को पैसे भी दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी हत्या के दो असफल प्रयास किए जा चुके हैं। हालांकि, अब प्लान सी तैयार किया गया है। उधर, पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा है कि उनकी पार्टी इमरान के आरोपों के खिलाफ कानूनी राय ले रही है।

इमरान ने खेला नया कार्डदेश के रक्षामंत्री ने इमरान खान पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने नया कार्ड खेला है, जिससे खूनखराबा हो सकता है। उन्होंने कहा, हो सकता है कि इमरान का मकसता राजनीति में खूनखराबा कराना ही हो। ख्वाजा आसिफ ने कहा, चाहे वह जुल्फिकार अली भुट्टो की फांसी हो या बेनजीर भुट्टो की शहादत। पीपीपी ने कभी भी हिंसा का समर्थन नहीं किया और हमेशा साफ किया। उन्होंने कहा, आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पीपीपी ने बड़ी कुर्बानी दी है। इस जंग में बेनजीर भुट्टो ने अपनी जान दे दी और इतनी बड़ी घटना के बाद भी पीपीपी ने हिंसा का रास्ता नहीं अपनाया और लोकतंत्र का रास्ता अख्तियार किया।

उपचुनाव में सभी 33 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी इमरान की पार्टी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी मार्च में होने वाले उपचुनाव में सभी 33 संसदीय सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारेगी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उपाध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह फैसला पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के दौरान लिया गया।

सत्ता से बेदखल हुए थे इमरानअप्रैल 2022 में इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और शहबाज शरीफ देश के नए प्रधानमंत्री बने। हालांकि, अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया। पिछले महीने स्पीकर ने पीटीआई के 35 सांसदों के इस्तीफे स्वीकार किए, जिसके बाद ईसीपी ने उन्हें डीनोटिफाई कर दिया था। ईसीपी ने अभी तक 43 पीटीआई सांसदों को डी-नोटिफाई नहीं किया है। अगर ईसीपी शेष 43 पीटीआई सांसदों को डीनोटिफाई करती है, तो खान की पार्टी का नेशनल असेंबली से लगभग सफाया हो जाएगा। पिछले साल अक्टूबर में स्पीकर द्वारा पीटीआई सांसदों के 11 इस्तीफे स्वीकार करने के बाद खान ने आठ संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ा था। खान ने उनमें से छह जीती थीं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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