एनसीआर के शहरों से केंद्रीय सचिवालय पहुंचने के लिए अगर आप अभी निजी वाहनों में सफर करते हैं तो मेट्रो में शिफ्ट होने का मौका मिलने जा रहा है। अब मेट्रो के जरिये सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत प्रस्तावित नए लूप कॉरिडोर से केंद्रीय सचिवालय के दफ्तरों में सीधे पहुंच सकेंगे। डीएमआरसी सेंट्रल विस्ता के नजदीकी सरकारी दफ्तरों तक अपनी लाइन ले जाने की तैयारी में है। फिलहाल इस प्रोजेक्ट के डीपीआर पर काम चल रहा है। डीएमआरसी का अनुमान है कि तीन किमी के मेट्रो लूप पर हर दिन का फुटफाॅल एक लाख होगा। इससे उम्मीदन इंडिया गेट से जुड़ी सड़कों पर तीस हजार वाहन कम हो जाएंगे।
मेट्रो को केंद्रीय सचिवालय के नजदीक तीन किमी लंबा भूमिगत ट्रैक तैयार करना है। यह मौजूदा येलो लाइन और वॉयलेट से अलग, लेकिन केंद्रीय सचिवालय इंटरचेंज से जुड़ी होगी। दोनों लाइन से सफर करने वाले यात्री लूप काॅरिडोर से इंडिया गेट के नजदीक के 12 सरकारी दफ्तरों तक पहुंच सकेंगे। उनको सड़क तक जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए डीएमआरसी और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में करार हुआ है। लूप काॅरिडोर पर चार मेट्रो स्टेशन होंगे। स्टेशन को दफ्तर से सीढ़ी, लिफ्ट या एस्केलेटर से जोड़ा जाएगा।
लूप कॉरिडोर के तैयार होने से गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा से केंद्रीय सचिवालय के दफ्तरों में पहुंचने वाले हजारों कर्मियों को सहूलियत होगी। निजी वाहनों के बजाय उनको मेट्रो की सुविधा उपलब्ध होगी। अनुमान के अनुसार अगर यात्री पहुंचे तो सड़कों पर वाहनों की संख्या में 30-40 हजार तक कमी आने की संभावना है। सुबह और शाम के व्यस्त समय में तो रोज हर घंटे 20 हजार यात्री सफर करेंगे।
लूप कॉरिडोर के निर्माण, सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिकल, प्लेटफॉर्म, सहायक सेवाएं, रखरखाव और पटरियां बिछाने समेत दूसरे काम का जिम्मा डीएमआरसी के पास होगा। लूप कॉरिडोर में फेज-4 परियोजना में इस्तेमाल होने वाली आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि इस कॉरिडोर पर ड्राइवरलेस मेट्रो का बाद में परिचालन किया जाएगा। इससे यात्रियों को नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) से सफर करने में बार-बार टिकट लेने के बजाय क्रेडिट, डेबिट या रुपे कार्ड से सफर का मौका मिलेगा।
गुरुग्राम से येलो लाइन, फरीदाबाद से वॉयलेट लाइन के यात्रियों को केंद्रीय सचिवालय से सीधे नए केंद्रीय सचिवालय के दफ्तरों में लूप कॉरिडोर से पहुंंचने की सुविधा होगी। नोएडा या दिल्ली के द्वारका सहित दूसरे इलाकों से ब्लू लाइन में सफर करने वाले यात्री मंडी हाउस या राजीव चौक से केंद्रीय सचिवालय पहुंच सकेंगे। गाजियाबाद से रेड लाइन पर सफर करने वाले कश्मीरी गेट पर मेट्रो बदलकर केंद्रीय सचिवालय पहुंच सकेंगे। इसके बाद मौजूदा केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन पर इंटरचेंज कर सीधे लूप कॉरिडोर के जरिये दफ्तर पहुंच सकेंगे।
सैलानियों को इलेक्ट्रिक बसों में सफर करते वक्त सेंट्रल विस्टा की खूबसूरती निहारने का मौका मिलेगा। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) सेंट्रल विस्टा के उद्घाटन के बाद शुक्रवार से सैलानियों के लिए इंडिया गेट के नजदीक निशुल्क ई-बसें चलाने जा रहा है। ई-बसें नजदीकी चार जगहों से नेशनल स्टेडियम के गेट नंबर-1 तक चलेंगी। इससे आगे इंडिया गेट तक लोग पैदल सफर करेंगे। 12 ई-बसों की सुविधा हर दिन शाम 5-9 बजे के बीच मिलेगी। एक हफ्ते के लिए यह सेवा नि:शुल्क है।
मेट्रो के अधिकारियों का कहना है कि यह पायलेट प्रोजेक्ट है। बेहतर नतीजे मिलने के बाद इसे आगे भी जारी रखा जाएगा। डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल के मुताबिक, आगंतुकों की सहूलियत के लिए शाम के वक्त चार घंटे के लिए छह इलेक्ट्रिक बसें चार जगहों से चलेंगी। सफर के दौरान सैलानियों को टिकट खरीदने की जरूरत नहीं होगी। एक हफ्ते के लिए सेवा नि:शुल्क है।