आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के विधायकों की सैलरी 12 हजार से बढ़कर 30 हजार रुपये करने की स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा भत्ते भी बढ़ाने का सुझाव दिया है। इस तरह दिल्ली के विधायकों को अब वेतन और भत्ते मिलाकर 90 हजार रुपये मिलेंगे।
भारद्वाज ने कहा कि अब भी दिल्ली के विधायकों की सैलरी सभी राज्यों के विधायकों के मुकाबले सबसे कम है। भारद्वाज ने कहा कि पहले दिल्ली में विधायकों को वेतन में 54 हजार रुपये मिलते थे। इसके बावजूद कई वेबसाइटों पर दिल्ली के विधायकों की सैलरी 2.10 लाख रुपये दिखाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि तेलंगाना में विधायकों का वेतन 2.50 लाख रुपये, महाराष्ट्र में 2.32 लाख रुपये, उत्तर प्रदेश में 1.87 लाख, जम्मू कश्मीर में 1.60 लाख रुपये, उत्तराखंड में 1.60 लाख रुपये, आंध्र प्रदेश में 1.30 लाख रुपये, हिमाचल में 1.25 लाख रुपये, राजस्थान में 1.25 लाख रुपये, गोवा में 1.17 लाख रुपये, हरियाणा में 1.15 लाख रुपये, पंजाब में 1.14 लाख रुपये हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में जब 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी तो सरकार और विधायकों ने एक सम्मानजनक सैलरी देने पर जोर दिया था। इस संबंध में एक विधेयक पास करके केंद्र सरकार को भेजा, मगर केंद्र सरकार ने इस विधेयक पर कोई गौर नहीं किया। हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से सुझाव आया कि इस सैलरी को 12 हजार से बढ़ाकर 30 हजार कर दे। केंद्र सरकार ने इसी तरीके से सारे भत्तों को लेकर अपनी तरफ से सुझाव दिए हैं।
उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र अलाउंस को 18 हजार से बढ़ाकर 25 हजार, कन्वेंस अलाउंस 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार, टेलीफोन अलाउंस 8 हजार से 10 हजार, सेक्रिटिएट अलाउंस 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार करने का सुझाव दिया है। इस तरह सभी भत्ते, ऑफिस और सेक्रेटिएट आदि का किराया मिलाकर 54 हजार से बढ़कर 90 हजार रुपये हो जाएगे। करने की केंद्र सरकार ने अनुमति दी है।