वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उद्योग जगत को निवेश जुटाने के लिए लीक से हटकर सोचने की जरूरत है। साथ ही, स्टार्टअप कंपनियों के साथ साझेदारी कर उत्पादों के विकास में उनके प्रौद्योगिकी समाधानों का इस्तेमाल करना वक्त की जरूरत है।
वित्त मंत्री ने मंगलवार को भारतीय उद्योग महासंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित चर्चा में कहा कि भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों को निवेश आकर्षित करने के जरूरी कदमों के बारे में लीक से हटकर राय देना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं स्टार्टअप और उनके समाधान को रफ्तार से बढ़ते हुए देखती हूं। असल में यह समाधान आप लोगों के लिए हैं। लेकिन, इसके लिए आपको उनके जितना ही तेज होना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो वे नए उद्योग या कारोबारी गतिविधियों की तलाश करेंगे।
नए अवसरों पर पहुंचने में पीएलआई बढ़िया पहलवित्त मंत्री ने कहा, स्टार्टअप के साथ मिलकर काम करने से नए अवसरों तक पहुंच बनेगी। नए उभरते क्षेत्रों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना एक बढ़िया पहल हो सकती है। लेकिन, मैं यह भी सोचती हूं कि पीएलआई से अलग कौन सी चीज ऐसी है, जो आपको बढ़त दिला सकती है। जरूरी होने पर घटाएंगे सीमेंट पर जीएसटी की दरसीमेंट पर जीएसटी की दर को 28 फीसदी से घटाकर कम करने की मांग पर सीतारमण ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा। जरूरी होने पर जीएसटी परिषद की दर निर्धारण समिति को विचार के लिए भेजा जाएगा।
सीआईआई के अध्यक्ष संजीव बजाज ने कहा कि बजट में राजकोषीय और आर्थिक वृद्धि दर के बीच संतुलन सराहनीय है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि संतुलन रूढ़िवादी विकास और राजस्व अनुमानों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बजट में सामान्य व्यवसाय पहचानकर्ता के रूप में पैन का उपयोग करने, डिजीलॉकर की स्थापना और विवाद से विश्वास योजना के दूसरे संस्करण सहित विभिन्न प्रावधान करने से कारोबारी सुगमता बढ़ेगी।