41.1 C
Delhi
Sunday, May 19, 2024

एनसीएलएटी ने कहा- टीडीएस बकाये को आधार बनाकर किसी भी कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती।

राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने कहा कि स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) बकाये को आधार बनाकर किसी भी कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती है। एनसीएलएटी ने एनसीएलटी की कोलकाता पीठ के एक आदेश को खारिज करते हुए कहा, कंपनी का एक परिचालक ऋणदाता टीडीएस बकाया की वसूली के लिए दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) की प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

टीडीएस का भुगतान नहीं करने के परिणामों का जिक्र आयकर अधिनियम,1961 में है। आयकर अधिकारियों के पास इस दिशा में समुचित कदम उठाने की शक्तियां हैं। पीठ ने कहा, एनसीएलटी ने मामले में टीडीएस नहीं जमा करने को चूक मानते हुए कर्जदार कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश देकर गंभीर त्रुटि कर दी है

यह सोचना हमारा काम नहीं है कि टीडीएस का भुगतान हुआ या नहीं। एनसीएलएटी ने परिचालक ऋणदाता पर प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए एक लाख का जुर्माना भी लगाया। एनसीएलटी ने टीम टॉरस रियल्टी एंड इंन्फ्रा की ओर से 66,884 और 1.10 लाख रुपये की दो टीडीएस किस्तों का भुगतान नहीं करने पर उसके खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था।

 

आयात शुल्क घटाने से 15 फीसदी तक कम होंगे इस्पात के दाम

इस्पात की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए आयात शुल्क घटाने के सरकार के फैसले से घरेलू बाजार में इसके दाम में 10-15% की कमी आएगी। वैशि्वक बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने में भी मदद मिलेगी। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा कि इस कदम से वैश्विक बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी।

 

वहीं, क्रेडाई और नरेडको ने कहा कि एक साल से इस्पात और सीमेंट की कीमतें एक साल से बढ़ रही है। लेकिन, आयात शुल्क में कटौती के फैसले से  सोमवार को टीएमटी छड़ों की कीमतें 52,000 रुपये टन पर आ गईं, जो पिछले हफ्ते 57,000 रुपये थीं। उधर, आर्सलर मित्तल निप्पोन स्टील इंडिया का मानना है कि निर्यात शुल्क बढ़ाने से हर महीने 90 हजार टन स्टील के निर्यात पर असर होगा।

anita
anita
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles