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Sunday, May 19, 2024

नसीर बोले- मेरे बिना श्याम बाबू की फिल्म सोचना मुश्किल, लेकिन…

भारतीय सिनेमा के लिए श्याम बेनेगल का नाम किसी चलती फिरती संस्था सरीखा ही है। उनके सामने आते ही नसीरुद्दीन शाह जैसे दिग्गज अभिनेता भी अदब से दोहरे हो जाते हैं। अपने चाहने वालों के बीच श्याम बाबू के नाम से मशहूर रहे बेनेगल की नई फिल्म ‘मुजीब दे मेकिंग ऑफ ए नेशन’ का यहां भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय में प्रीमियर हुआ। उनके इस जश्न में शरीक होने बांग्लादेश के लोकप्रिय अभिनेता अरिफिन शुवू तो आए ही, हिंदी सिनेमा के भी तमाम सितारे इस मौके पर उन्हें बधाई देने पहुंचे। इस मौके पर नसीरुद्दीन शाह अपने इस प्रिय निर्देशक से अपने स्नेह को शब्दों में बयां करने से रोक नहीं पाए।

श्याम बेनेगल की तबीयत इन दिनों ठीक नहीं रहती है। वृद्धावस्था का असर उन पर दिखने लगा है लेकिन वह फिर भी सक्रिय रहते हैं, और ये उनके चाहने वालों के लिए बड़ी बात है। अपनी फिल्म ‘मुजीब दे मेकिंग ऑफ ए नेशन’ के भारतीय प्रीमियर पर वह आए तो उनके चाहने वालों ने उनका खूब इस्तकबाल किया। नसीरुद्दीन शाह उनकी सीट तक गए, उनके सामने घुटनों के बल वहीं जमीन पर बैठ गए। दोनों का स्नेह एक निर्देशक और एक अभिनेता के आपसी स्नेह की एक बानगी बन गया।

नसीरुद्दीन शाह इस दौरान काफी भावुक नजर आए, कहने लगे, ‘बहुत कम फिल्में हैं श्याम बाबू की जिनमें मैं नहीं हूं और फिल्म ‘मुजीब दे मेकिंग ऑफ ए नेशन’ उनमें से एक इसलिए भी है क्योंकि ये बांग्ला भाषा में बनी। भारत और बांग्लादेश के बीच हमेशा से दोस्ताना रिश्ते रहे हैं और ये कितना अच्छा है कि मुजीबुर रहमान साहब पर एक ऐसी फिल्म बनी है जो उनका जिंदगीनामा सच्चे मायनों में दिखाती है।’

भारत और बांग्लादेश के सहयोग से बनी फिल्म ‘मुजीब दे मेकिंग ऑफ ए नेशन’ में पाकिस्तान से अलग होकर एक अलग देश बने बांग्लादेश की कहानी है। इस कहानी में अपनी संस्कृति को बचाने की जिद है। एक पिता का अपने परिवार के प्रति प्रेम है, एक नेता का अपने देश और उसके लोगों के प्रति समर्पण है और है एक ऐसा जज्बा जिसे हर सिनेप्रेमी को देखना ही चाहिए। फिल्म ‘मुजीब दे मेकिंग ऑफ ए नेशन’ के निर्देशक श्याम बेनेगल को इस मौके पर बधाई देने बांग्लादेश से अरिफिन शुवू भी आए। वही इस फिल्म में मुजीबुर रहमान बने हैं।

अरिफिन कहते हैं, ‘शेख मुजीबुर रहमान का किरदार निभाना किसी भी अभिनेता के सपने के सच होने जैसा है। मुझे ये सम्मान मिला, इसकी मुझे बेहद खुशी है। श्याम बेनेगल जी के निर्देशन में काम करना एक ऐसा अनुभव रहा है जिसे मैं चाहूं भी तो शब्दों में बयां नहीं कर सकता। फिल्म की भारत में शूटिंग के दौरान मुझे बेइंतेहा प्यार मिला। मैं उम्मीद करता हूं कि मुझे जो जिम्मेदारी मिली, उस पर खरा उतर सका।’

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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