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Friday, May 3, 2024

नालंदा – अष्टमी को मां शीतला के दरबार में भक्तों का उमड़ा जनसैलाब , सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

बिहार शरीफ के मघड़ा गांव स्थित शीतला मंदिर में सोमवार से ही पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। शीतला अष्टमी का त्योहार होली से ठीक आठ दिन बाद आता है। इस साल शीतला अष्टमी 2 अप्रैल यानी आज है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष के अष्टमी को मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन मां शीतला का पूजन करने से कई तरह के दुष्प्रभावों से भक्तों को मुक्ति मिलती है। मान्यता है की मां शीतला का व्रत रखने से कई तरह के रोग दूर होते हैं। इनमें चेचक और चर्म रोग जैसी बीमारियां हैं।

सोमवार से श्रद्धालुओं की लग रही कतार

सोमवार से लगने वाले तीन दिवसीय मेले में श्रद्धालुओं के आने का तांता लगा हुआ है। पूरा क्षेत्र श्रद्धालुओं से गुलजार है। मंदिर परिसर में जहां श्रद्धालुओं की लंबी कतारे देखी जा रही है। तो वहीं मेला क्षेत्र में कई अस्थाई दुकानें खुल गई है जहां ग्राहकों की भिड़ लगी हुई है। श्रद्धालु माता के जयकारे लगाते हुए दर्शन के लिए अपनी बारी का घँटों इंतजार करते देखे जा रहे हैं।

तालाब में स्नान करने से दूर होते हैं रोग

ऐसी मान्यता है कि शीतला माता मंदिर के पास बने शीतल कुंड तालाब में स्नान कर मंदिर में पूजा अर्चना करने से चेचक जैसी रोगों से निजात मिल जाती है। सभी प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।

आज मघड़ा सहित आसपास के गांव में नहीं जलेंगे चूल्हे

मंगलवार यानी आज चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के अवसर पर मघड़ा गांव सहित आस-पड़ोस के लगभग एक दर्जन गांवों में चूल्हे नहीं जलाए जाएंगे। इसके लिए सोमवार को सप्तमी की तिथि को ही ग्रामीणों के द्वारा मीठी कुआं के जल से प्रसाद के रूप में भोजन सामग्री पकाई गई है। जिसे आज बसियौड़ा के रूप में ग्रहण करेंगें और अपने सगे संबंधी तथा ईस्ट मित्रों को भी प्रसाद खिलाएंगे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चूल्हे जलाने से माता को तकलीफ होती है जिसका अनिष्ट फल मिलता है।

दूर दराज से पहुँच रहे लोग

मां शीतला की पूजा को लेकर दूर दराज से श्रद्धालु मघड़ा गांव पहुंच रहे हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस मेले का आज दूसरा दिन है। अहले सुबह से ही श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए कतार में लगे हुए हैं। वहीं सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद है और पूरे परिसर की सीसीटीवी से भी निगरानी की जा रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि वार्ड पार्षद पति जयंत कुमार भी देखरेख में लगे हुए हैं। मंदिर के पुजारी विन्यम कृष्णम बताते हैं कि यह मां चेचक माता के रूप में जानी जाती है। यहां के कुंड में स्नान और यहां के हवन कुंड के भभूत को लगा लेने मात्र से ही चेचक जैसी बीमारियां दूर हो जाती है। आज मगरा और आसपास के गांव में चूल्हे नहीं चलेंगे मां के लिए बनाए गए सप्तमी के दिन के प्रसाद को ही ग्रहण करेंगे।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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