35.1 C
Delhi
Sunday, May 19, 2024

नौवें दिन होती है मां सिद्धिदात्री की पूजा

मां दुर्गा के नौवें स्वरूप को सिद्धिदात्री के नाम से जाना जाता है, जिनकी चार भुजाएं हैं। इनका आसन कमल और वाहन सिंह है। दाहिने और नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा, बाई ओर से नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प है। भगवती के इस स्वरूप की ही हम नवरात्र के अंतिम दिन आराधना करते हैं। मां दुर्गा के इस रूप को शतावरी और नारायणी भी कहा जाता है।

दुर्गा के सभी प्रकारों की सिद्धियों को देने वाली मां की पूजा का आरंभ निम्न श्लोक से करना चाहिए।

देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

अर्थात हे मां! सर्वत्र विराजमान और मां सिद्धिदात्री के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूं। हे मां, मुझे अपनी कृपा का पात्र बनाओ।

मां सिद्धिदात्री अंतिम

ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवदुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं। नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए मुश्किल नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।

anita
anita
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles